CJI डी वाई चंद्रचूड़ ने बताया- जजों को कब और क्यों लगता है डर, जमानत पर भी कही बड़ी बात

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Nov 20, 2022, 11:40 AM IST

CJI डी वाई चंद्रचूड़

D Y Chandrachud: चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा है कि वकीलों की हड़ताल से आम लोगों को तकलीफ होती है, वकीलों और जजों को नहीं.

डीएनए हिंदी: सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ (D Y Chandrachud) ने न्याय व्यवस्था पर कई टिप्पणियां की हैं. उन्होंने जजों के डर, वकीलों की हड़ताल और न्याय मांगने आने वाले आम लोगों की चिंताओं पर चर्चा की है. जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि स्थानीय स्तर पर निशाना बनाए जाने के डर से निचली अदालतों के जज जमानत देने से डरते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि जब वकील हड़ताल करते हैं तो न्याय मांगने आया व्यक्ति पीड़ित होता है. इससे जजों और वकीलों को परेशानी नहीं होती बल्कि न्याय का इंतजार कर रहे लोगों को तकलीफ होती है.

बार काउंसिल ऑफ इंडिया की ओर से आयोजित कार्यक्रम में पहुंचे जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि सद्भाव और संतुलन हमारे समाज और अदालतों की शांति बनाए रखने के लिए अहम है क्योंकि देश में शासन के संस्थानों की सद्भाव और संतुलन की भावना को परिभाषित करने में भूमिका होती है. जमानत के मुद्दे पर उन्होंने कहा, 'निचले स्तर की अदालतों में जमानत के ढेरों आवेदन लंबित हैं क्योंकि जज जमानत देना नहीं चाहते हैं. ऐसा नहीं है कि वे अपराध को नहीं समझते, लेकिन सच यह है कि जघन्य मामलों में जमानत देने पर उन्हें डर होता है कि उन्हें निशाना बनाया जाएगा.'

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वकीलों की हड़ताल पर भी बोले CJI
आए दिन देश की अलग-अलग अदालतों में होने वाली वकीलों की हड़ताल के बारे में उन्होंने कहा, 'मैं हमेशा शांति और सामाजिक स्थिरता के बारे में बोलता हूं.' इलाहाबाद हाई कोर्ट का चीफ जस्टिस रहने के दौरान का अनुभव साझा करते हुए जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा, 'वहां भी कुछ हड़तालें होती थीं और मैं हमेशा वकीलों को बुला लेता था. मैं उनसे पूछता था कि वे किस समस्या का सामना कर रहे हैं? हम एक दूसरे के खिलाफ हड़ताल क्यों करते हैं?'

जस्टिस चंद्रचूड़ ने आगे कहा, 'जब वकील हड़ताल करते हैं, तो कौन पीड़ित होता है? न्याय का उपभोक्ता पीड़ित होता है, जिसके लिए हम मौजूद हैं. इससे जज या वकील पीड़ित नहीं होता. शायद वकीलों को थोड़ा बहुत फर्क पड़ता है, क्योंकि कुछ दिनों के लिए फीस बंद हो जाएगी, लेकिन सबसे बड़ा पीड़ित उपभोक्ता है, वह व्यक्ति जिसके लिए न्याय का मतलब है.'

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सूत्रों के मुताबिक, जस्टिस चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाले सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने प्रशासनिक कारणों से हाई कोर्ट के तीन जजों के ट्रांसफर की सिफारिश की है. कॉलेजियम ने मद्रास हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश टी. राजा को राजस्थान हाई कोर्ट में, जबकि जस्टिस निखिल एस. कारियल और न्यायमूर्ति ए. अभिषेक रेड्डी को पटना हाई कोर्ट में ट्रांसफर करने का प्रस्ताव दिया है.

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