डीएनए हिंदी: कुछ महीनों पहले ही अदालतों में वीडियो रिकॉर्डिंग शुरू की गई. कुछ अदालतों की कार्रवाई लाइव भी देखी जा सकती है. इस तरह की सुनवाई के कई वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल होते हैं. किसी में जज साहब अधिकारियों को डांट पिला रहे होते हैं तो कहीं वकील साहब जज को ही ज्ञान दे डालते हैं. ऐसे वीडियो खूब देखे जाते हैं लेकिन अब इसको लेकर देश के सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने अहम टिप्पणी की है. उन्होंने अदालतों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के इस्तेमाल की जरूरत भी बताई है.
CJI चंद्रचूड़ ने अपने एक भाषण में कहा, 'आजकल ज्यादातर हाई कोर्ट सुनवाई की लाइव स्ट्रीमिंग कर रहे हैं. इसमें कुछ समस्याएं हैं वो हमने अभी देखीं. आपने देखा होगा कि पटना हाई कोर्ट में एक जज आईएएस अधिकारी को लताड़ लगा रहे हैं कि उन्होंने शर्ट और पैंट ही पहनी है, सूट क्यों नहीं? या फिर आपने गुजरात हाई कोर्ट का छोटा सा वीडियो देखा होगा जिसमें पूछा जाता है कि वकील अपने केस को लेकर तैयार क्यों नहीं रहते हैं?'
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'खुद को ट्रेनिंग दें जज'
उन्होंने कहा, 'इस तरह के कई फनी वीडियो मौजूद हैं. हमें इसको कंट्रोल करने की जरूरत है क्योंकि ये गंभीर काम है. कोर्ट में जो काम होता है वह बेहद ही गंभीर है. हम जो लाइव स्ट्रीमिंग करते हैं, उसका एक दूसरा रूप भी है. एक जज के रूप में हमें खुद को ट्रेनिंग देने की जरूरत है. हम सोशल मीडिया के दौर में काम कर रहे हैं. हम कोर्ट में जो एक-एक शब्द कहते हैं, वह सबकुछ जनता के सामने सार्वजनिक तौर पर पहुंचता है.'
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कोर्ट में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की जरूरत बताते हुए जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा, 'आप ये उम्मीद कैसे करते हैं कि एक जज 15 हजार पन्नों की अपील वाले पूरे सबूत को कैसे पढ़ या समझ सकता है. इस मामले में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मदद कर सकता है और एक रिकॉर्ड तैयार कर सकता है.'
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