'आप मुझे दबा नहीं सकते, कोर्ट से बाहर निकलिए' सुनवाई के दौरान किस पर और क्यों गुस्सा हुए CJI DY Chandrachud

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Mar 02, 2023, 11:56 PM IST

Chief Justice DY Chandrachud (File Photo)

CJI DY Chandrachud उस समय नाराज हो गए, जब सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन अध्यक्ष एक मामला लिस्टेड कराने के लिए बहस शुरू कर दी.

डीएनए हिंदी: Supreme Court News- सुप्रीम कोर्ट में बृहस्पतिवार को चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ (Chief Justice DY Chandrachud) की बेंच अचानक अखाड़े में तब्दील हो गई. चीफ जस्टिस और सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) अध्यक्ष सीनियर एडवोकेट विकास सिंह के बीच में एक मुद्दे पर तीखी बहस हुई. दरअसल विकास सिंह वकीलों के चैंबर के लिए एक जमीन आवंटन से जुड़े मामले की सुनवाई को लिस्टेड कराना चाहते थे. उन्होंने यह मुद्दा चीफ जस्टिस की अध्यक्षता में जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस जेपी पारदीवाला की बेंच के सामने रखने की कोशिश की. बस यही बात चीफ जस्टिस को खल गई. उन्होंने विकास सिंह को ऊंची आवाज में बात नहीं करने और तत्काल अपनी कोर्ट से बाहर निकल जाने का आदेश दे दिया. 

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सिंह ने कहा- 6 महीने से लिस्टेड कराना चाह रहे हैं केस

SCBA अध्यक्ष ने मामलों की मेंशनिंग के दौरान चीफ जस्टिस की बेंच के सामने मु्द्दा पेश किया. उन्होंने कहा, सिंह ने कहा, अप्पू घर की जमीन सुप्रीम कोर्ट को SCBA की याचिका पर ही मिली. फिर भी SCBA को बेमन से महज एक ब्लॉक दिया गया. इस पर निर्माण पूर्व चीफ जस्टिस एनवी रमण के समय में शुरू होना था. हम 6 महीने से इस मामले को सुनवाई के लिए लिस्टेड कराने की कोशिश कर रहे हैं. आप मुझे भी एक सामान्य वादी समझकर सुनवाई करें. इस पर चीफ जस्टिस ने कह दिया कि हम पूरा दिन खाली बैठे रहते हैं क्या. चीफ जस्टिस ने कहा, आप ऐसे जमीन नहीं मांग सकते. आप हमें कोई एक दिन बताइए जब हम पूरा दिन खाली बैठे हों.

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'चीफ जस्टिस को धमकी मत दीजिए, नीचे बैठ जाइए'

विकास सिंह ने बेंच के खाली नहीं बैठे होने की बात पर कहा कि मैं केवल केस लिस्टेड कराना चाह रहा हूं. ऐसा नहीं होता तो मुझे यह मामला लेकर आपके घर आना पड़ेगा. मैं नहीं चाहता कि बार ऐसा करे. सिंह के यह कहने पर चीफ जस्टिस भड़क उठे. उन्होंने कहा, क्या ऐसा बर्ताव होना चाहिए? आप चीफ जस्टिस को धमकी मत दीजिए. कृपया बैठ जाइए. इसे ऐसे लिस्टेड नहीं किया जाएगा. सिंह ने आगे कुछ कहने की कोशिश की तो चीफ जस्टिस ने कहा, कृपया आप मेरी अदालत से निकल जाइए. मैं ऐसे (केस) लिस्टेड नहीं करूंगा. आप मुझे दबा नहीं सकते.

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'17 तारीख को सुनेंगे केस, मैंने अपना फैसला सुना दिया है'

चीफ जस्टिस ने SCBA अध्यक्ष को चेतावनी देने के अंदाज में कहा कि इतना ऊंचा मत बोलिए. CJI ने कहा, आपको बार का संरक्षक होना चाहिए. दुख है कि आप संवाद का स्तर गिरा रहे हैं. अनुच्छेद 32 के तहत दायर याचिका हम नंबर आने पर देखेंगे. हमें आप अपने हिसाब से नहीं चला सकते. CJI ने आगे कहा, आप कोर्ट को आवंटित जमीन बार के हवाले करने के लिए कह रहे हैं. इसे 17 मार्च को देखा जाएगा. मैंने अपना फैसला सुना दिया है. यह पहले नंबर पर नहीं रखा जा सकता.

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'22 साल से इस पेशे में हूं, कभी किसी का दबाव नहीं माना'

SCBA अध्यक्ष ने CJI की चेतावनी के बावजूद अपना पक्ष रखा और कहा, आप याचिका खारिज कर दीजिए, लेकिन ऐसा न हो कि इसे लिस्टेड ही न किया जाए. उन्होंने ऐसे व्यवहार के लिए बाध्य होने की बात कही और यह भी याद दिलाया की बार ने हमेशा कोर्ट का समर्थन किया है. इस पर नाराज CJI ने कहा, मैं चीफ जस्टिस हूं. मैं 29 मार्च, 2000 से यहां हूं. मैं 22 साल से इस पेशे में हूं. मैंने कभी खुद पर बार के किसी सदस्य, वादी या अन्य किसी को दबाव नहीं बनाने दिया है. मैं अपने करियर के आखिरी दो साल में भी ऐसा नहीं होने दूंगा. इसके बाद भी सिंह ने अपना पक्ष रखा तो CJI ने उन्हें कह दिया कि अपना एजेंडा कोर्टरूम के बाहर सुलझाइए. इसके साथ ही उन्होंने अगले मामले की सुनवाई शुरू कर दी.

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