CJI DY Chandrachud: पीरियड्स लीव पर CJI ने जो कहा वह जानकर आप भी तारीफ किए बिना नहीं रहेंगे

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Aug 27, 2023, 08:58 PM IST

CJI DY Chandrachud

Chief Justice DY Chandrachud: चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने बैंगलोर के नेशनल लॉ स्कतूल में महिलाओं के काम करने और उनकी चुनौतियों पर बात की. उन्होंने अपनी दिवंगत पत्नी के नौकरी से जुड़े अनुभव भी साझा किया और स्टूडेंट्स को बेहतर प्रोफेशनल बनने के टिप्स दिए. 

डीएनए हिंदी: भारत के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने बैंगलोर में नेशनल लॉ स्कूल के स्टूडेंट्स के साथ अपने अनुभव शेयर किए. इस दौरान उन्होंने महिलाओं और पीरियड्स को लेकर खास बात की. उन्होंने बताया कि उनके साथ 5 महिला क्लर्क काम कर रही हैं. उनकी सभी सहकर्मी पूरी स्वतंत्रता और भरोसे के साथ काम करती हैं. सीजेआई ने बताया कि मैंने हमेशा सहज माहौल बनाकर रखने की कोशिश है और मेरी सहकर्मी आसानी से मुझे फोन पर कहती हैं कि उनके पीरियड्स चल रहे हैं. जवाब में मैं उन्हें कहता हूं कि आप घर से ही काम करें और अपने आराम का ख्याल रखें. सीजेआई ने अपनी दिवंगत पत्नी के नौकरी से जुड़े अनुभव भी शेयर किए और छात्रों से वर्क लाइफ बैलेंस पर भी बात की.

महिलाओं के लिए बदल रहे नजरिए पर की बात 
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि पिछले कुछ वक्त में कामकाजी महिलाओं के लिए नजरिया काफी बदला है. उन्होंने कहा कि पिछले साल मेरी 5 में से 4 क्लर्क महिलाएं थीं. उनके लिए यह आम बात थी कि वह मुझे फोन पर कहती थीं कि उनके पीरियड्स चल रहे हैं. हमने पीरियड्स के दौरा महिलाओं को घर से काम करने की छूट दी है. मैं उनसे कहता था कि आप प्लीज आराम करें और घर से काम करें. अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखें. महिलाओं के लिए काम करने की जगह पर जरूरी सुविधाओं के विस्तार पर उन्होंने जोर दिया. उन्होंने बताया कि अब सुप्रीम कोर्ट के वॉशरूम में महिलाओं के लिए सैनिटरी नैपकिंस हैं. पीरियड्स में वर्क फ्रॉम होम जैसी सुविधाएं हैं. 

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वर्क लाइफ बैलेंस को लेकर की खास बात 
सीजेआई ने इस दौरान एक पर्सनल किस्सा भी शेयर किया. उन्होंने बताया कि उनकी दिवंगत पत्नी खुद एक बड़ी वकील थीं. करियर के शुरुआत में जब उन्होंने एक लॉ फर्म में नौकरी का आवेदन दिया तो उनसे कहा गया कि यह 24 घंटे चलने वाली ड्यूटी है. उनकी पत्नी ने कहा कि इसमें परिवार के लिए कैसे वक्त मिलेगा तो इंटरव्यू लेने वाले बोर्ड ने जवाब दिया कि ऐसा पति ढूंढ़ लें जो परिवार को देख सकता हो. सीजेआई ने कहा कि यह प्रवृति ठीक नहीं है. वर्क लाइफ बैलेंस जरूरी चीज है. 

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चीफ जस्टिस ने इस मौके पर छात्रों से कहा कि प्रोफेशनल जीवन में ऐसे मौके आते हैं जब कठिन फैसले लेने पड़ते हैं. सीजेआई ने कहा कि जब आपके पास ऐसा मौका आए कि आपको सफल वकील और बेहतर इंसान बनने से में से किसी एक को चुनना हो तो आपको इंसानियत को चुनना चाहिए. सीजेआई ने कहा कि जिंदगी में इंसानियत और जीवन मूल्य सबसे कीमती होते हैं. उन्होंने कानून के पेशे को गंभीरता से लेने और इसे समाज में बदलाव लाने के बड़े औजार के तौर पर देखने का भी आग्रह किया. 

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