हिमाचल प्रदेश में तीन जिलों में बादल फटने के बाद आई बाढ़ भारी तबाही मचा रही है. अब तक 32 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 14 से ज्यादा लोग अभी लापता हैं. राहत और बचाव कर्मियों को शुक्रवार को चार और शव बरामद हुए.
अधिकारियों ने बताया कि कुल्लू के निरमंड, सैंज और मलाणा, मंडी पधर और शिमला के रामपुर उपमंडल में अचानक आई बाढ़ की घटना में कम से कम 23 लोग अब भी लापता हैं. शिमला के पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार गांधी ने बताया कि रामपुर के आसपास सुन्नी बांध और सतलुज नदी के किनारे से 4 शव बरामद किए गए हैं. जिले में करीब 14 लोग अब भी लापता हैं.
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उन्होंने कहा कि घटनास्थल से शुक्रवार को एक शव बरामद किया गया, जबकि पिछले छह दिनों में तीन शव बरामद किए गए हैं. रामपुर से बरामद 19 शवों में से 11 की पहचान डीऑक्सीराइबोन्यूक्लिक एसिड (डीएनए) के जरिए की गई है. अधीक्षक ने बताया कि मंडी के राजभान गांव में 9 शव और कुल्लू के निरमंड/बागीपुल में चार शव बरामद किए गए हैं.
IMD का ऑरेंज अलर्ट
हिमाचल प्रदेश के कई हिस्सों में लगातार हो रही बारिश के कारण भूस्खलन और अचानक बाढ़ के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त है. राज्य में 120 से अधिक सड़कें बंद हैं व निचले इलाके जलमग्न हैं. मौसम विभाग ने 21 अगस्त तक राज्य के अलग-अलग हिस्सों में भारी बारिश के लिए 'येलो' अलर्ट जारी किया है. कांगड़ा, सिरमौर और बिलासपुर जिलों में रातभर भारी बारिश हुई, जिससे कुछ नदियां उफान पर हैं, पेड़ उखड़ गए और सड़क जलमग्न हैं.
कांगड़ा में सबसे अधिक 156 मिमी बारिश हुई. इसके बाद धर्मशाला में 150.8 मिमी, पालमपुर में 143 मिमी, नाहन में 120 मिमी, नैना देवी में 78.2 मिमी, जोत में 69 मिमी, देहरा गोपीपुर में 67.4 मिमी, पांवटा साहिब में 48 मिमी और सलापड़ में 37.6 मिमी बारिश हुई.
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