डीएनए हिंदी: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के सरकारी बंगले के रिनोवेशन में हुए खर्च की अब नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) ऑडिट करेगी. इस ऑडिट में बंगले की मरम्मत हुई अनियमितताओं और उल्लंघनों की स्पेशल जांच होगी. उपराज्यपाल वीके सक्सेना की सिफारिश पर गृह मंत्रालय ने CAG से ऑडिट कराने का आदेश दिया है.
उपराज्यपाल वीके सक्सेना के कार्यालय के अधिकारियों ने बताया कि गृह मंत्रालय ने 24 मई को प्राप्त एक पत्र पर गौर करने के बाद विशेष कैग ऑडिट की सिफारिश की थी. उन्होंने दावा किया कि पत्र उपराज्यपाल कार्यालय से प्राप्त हुआ था और इसमें मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास के रिनोवेशन में घोर और प्रथम दृष्टया वित्तीय अनियमितताओं की ओर इशारा किया गया था.
फिलहाल इस मामले में मुख्यमंत्री कार्यालय या सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. लेकिन इससे पहले आप सांसद राघव चड्ढा की तरफ से कहा गया था कि बंगले के अंदर छत से पानी टपकता था. लोक निर्माण विभाग (PWD) ने इसका ऑडिट किया था. चड्ढा ने कहा कि दूसरे सीएम और पीएम की भी तुलना की जानी चाहिए. मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह के आवास पर चूना रगड़ाई पर 20 करोड़ खर्च किए गए थे.
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बंगले के रेनोवेशन में खर्च किए गए थे 45 करोड़
आरोप है कि सीएम अरविंद केजरीवाल के सरकारी बंगले के रेनोवेशन में कुल 45 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे. जिनमें 1 करोड़ रुपये के बंगले में पर्दे लगाए गए. रिपोर्ट में बताया गया था कि कुल 23 पर्दे मंगवाए गए थे. बीजेपी का आरोप है कि सीएम केजरीवाल के सरकारी आवास पर जो मार्बल लगा गया उसको वियतनाम से मंगवाया गया था. इस डियोर पर्ल मार्बल की कीमत एक करोड़ 15 लाख रुपये बताई गई थी.
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