डीएनए हिंदी: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन करीब 30 घंटे के बाद आखिरकार सामने आ गए हैं. हेमंत सोरेन सोमवार से घायब थे. ईडी की टीम जब 29 जनवरी को उनके दिल्ली आवास पर पूछताछ करने पहुंची तो वह वहां नहीं थे. लेकिन आज सीएम हेमंत सोरेन ने राज्य की मौजूदा राजनीतिक स्थिति पर सत्तारूढ़ गठबंधन के विधायकों के साथ रांची में बैठक की. इस दौरान उन्होंने कहा कि हमें बापू के पद चिन्हों पर चलने की जरूरत है. मुझपर जितने चाहे झूठे आरोप लगा लें लेकिन मैं हार मानने वाला नहीं हूं. मैं था, हूं और रहूंगा.
मुख्यमंत्री कार्यालय के एक सूत्र ने मंगलवार को बताया कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन आधी रात के बाद अपने आधिकारिक आवास पर पहुंच गए थे. सोशल मीडिया मंच एक्स पर साझा की गई तस्वीरों और वीडियो में बड़ी संख्या में विधायक और मंत्री बैठक में हिस्सा लेने से पहले हेमंत सोरेन का अभिवादन करते नजर आए. बैठक में मुख्यमंत्री की पत्नी कल्पना सोरेन भी मौजूद रहीं. झारखंड में झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ गठबंधन के सभी विधायकों को राज्य की राजधानी नहीं छोड़ने और बैठक में भाग लेने के लिए कहा गया था.
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31 जनवरी को ED के सामने पेश होंगे सोरेन
बैठक के बाद एक विधायक ने कहा कि यह मीटिंग मौजूदा राजनीतिक स्थिति और बुधवार को मुख्यमंत्री से प्रवर्तन निदेशालय (ED) की प्रस्तावित पूछताछ के बारे में रणनीतियों पर चर्चा करने के लिए बुलाई गई थी. सोरेन ने ईडी को ईमेल भेजकर सूचित किया था कि वह 31 जनवरी को दोपहर 1 बजे अपने आवास पर अपना बयान दर्ज कराने के लिए तैयार हैं.
सीएम के आवास ने ED ने जब्त किया कैश
ईडी की एक टीम कथित भूमि धोखाधड़ी मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले की जांच के संबंध में पूछताछ करने के लिए सोमवार को सीएम हेमंत सोरेन के दक्षिण दिल्ली स्थित 5/1 शांति निकेतन आवास पहुंची थी और 13 घंटे से अधिक समय तक वहां डेरा डाले रही. इस दौरान उन्होंने परिसर की तलाशी ली. बताया जा रहा है कि ED ने हेमंत सोरेन के दिल्ली स्थित आवास की तलाशी के बाद 36 लाख रुपये, एक एसयूवी और कुछ दस्तावेज जब्त किए.
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