कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की मुश्किलें बढ़ गई हैं. मैसुरु शहरी विकास प्राधिकरण (मुडा) जमीन घोटाले में कर्नाटक हाईकोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी है. कोर्ट ने कहा कि इस घोटाले की जांच होनी चाहिए. सिद्धारमैया और उनकी पत्नी इस मामले में आरोपी हैं. कोर्ट के फैसले के बाद सीएम का बयान आया है. उन्होंने कहा कि वह भूमि आवंटन मामले में जांच का सामना करने से नहीं हिचकिचाएंगे.
सिद्धारमैया ने कहा कि वह यह पता लगाने के लिए कानूनी विशेषज्ञों से सलाह लेंगे कि क्या कानून के तहत ऐसी किसी भी जांच की अनुमति है या नहीं. राज्यपाल थावरचंद गहलोत द्वारा भूमि आवंटन मामले में सिद्घरमैया के खिलाफ जांच के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि सच्चाई की जीत होगी. मुख्यमंत्री ने कहा, 'मैं जांच का सामना करने से नहीं हिचकिचाऊंगा. मैं इस बारे में विशेषज्ञों से सलाह लूंगा कि क्या कानून के तहत ऐसी जांच की अनुमति है या नहीं.'
'मुझे न्यायपालिका पर पूरा भरोसा'
CM सिद्धारमैया ने कहा कि उन्हें कानून और संविधान पर पूरा भरोसा है. आखिरकार इस लड़ाई में सत्य की जीत होगी. सिद्धारमैया ने बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए और उसके सहयोगी जनता दल सेक्युलर (जद-एस) पर उनके लिए परेशानी खड़ी करने का आरोप लगाते हुए कहा, 'भाजपा और जद(एस) की इस ‘बदले की राजनीति’ के खिलाफ हमारा न्यायिक संघर्ष जारी रहेगा. मुझे न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है.
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