शव रखकर प्रदर्शन करने वालों पर CM Yogi का एक्शन, प्रशासन ने जारी की अंत्येष्टि की नई गाइडलाइन

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Sep 25, 2022, 10:22 AM IST

पिछले दिनों यूपी में कई ऐसे मामले सामने आए जहां लोगों ने शव को सड़क पर रखकर विरोध प्रदर्शन किया था जिससे परिवहन बाधित हुआ था.

डीएनए हिंदी: किसी आपराधिक मामले के बाद अकसर यह देखा गया है कि पीड़ित परिजन सरकार से अपनी मांगों को लेकर दबाव बनाने के लिए सड़क पर शव रखकर प्रदर्शन करने लगते हैं लेकिन अब यूपी सरकार ने इसको लेकर एक सख्त एक्शन लिया है. प्रदेश की योगी सरकार (Yogi Government) ने राज्य में अंत्येष्टि को लेकर नए नियमों की गाइडलाइन जारी कर दी है जिसके तहत यदि कोई सड़क पर शव रखकर प्रदर्शन करता है तो इसे कानून के लिहाज से अपराध माना जाएगा. 

दरअसल, प्रशासन ने किसी शव के सम्मानजनक ढंग से अंतिम संस्कार किए जाने को लेकर तैयार की गई एसओपी (स्टैंडर्ड आपरेटिंग प्रोसीजर) में स्वजन अथवा किसी संगठन द्वारा शव को सड़क पर रखकर प्रदर्शन किए जाने को लेकर सख्त नियम तय किए गए हैं. इसे शव का अपमान माना जाएगा और संबंधित लोगों के विरुद्ध विधिक कार्रवाई होगी.

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हाईकोर्ट के आदेश पर बदले नियम

ध्यान देने वाली बात यह है कि हाथरस कांड में देर रात पीड़िता के शव का अंतिम संस्कार किए जाने को लेकर उठे विवाद के बाद हाई कोर्ट के निर्देश पर गृह विभाग ने एसओपी तैयार की है जिसका अब सभी को पालन करना ही होगा. नए नियमों के अनुसार अब यदि कहीं स्वजन, किसी संगठन व समूह के द्वारा रास्ते अथवा सार्वजनिक स्थान पर शव रखकर अवरोध उत्पन्न करते हैं तो उसे शव का अपमान माना जाएगा. 

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मांगी जाएगी लिखित सहमति

शव के साथ प्रदर्शन से जुड़े इस अपराध के मामले में संबंधित व्यक्तियों के विरुद्ध कठोर कानूनी कार्रवाई होगी. नए नियमों के अनुसार परिवार को शव सौंपते समय उनसे लिखित रूप से सहमति भी ली जाएगी कि वे शव को पोस्टमार्टम हाउस से सीधे घर लाकर रीति रिवाज के बाद सीधे अंत्येष्टि स्थल पर ले जाएंगे. नियमों के मुताबिक बीच रास्ते में कहीं भी शव को रखकर भीड़ एकत्रित करने, जाम लगाने अथवा किसी संगठन के सहयोग से धरना-प्रदर्शन नहीं करेंगे. ऐसा करने पर इसे अपराध माना जाएगा और फिर इस मामले से जुड़े सभी लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. 

अंतिम संस्कार के भी खास नियम

इस नियमावली में शव के अंतिम संस्कार को लेकर भी खास निर्देश दिए गए हैं जिनके मुताबिक शवों का दाह-संस्कार परिजनों द्वारा ही किया जाएगा. वहीं किसी शव को लेने से इंकार किए जाने, विलंब या अन्य कारणों से शव खराब होने अथवा लोक व्यवस्था के बिगड़ने की संभावना को देखते हुए प्रशासनिक अधिकारी प्रतिष्ठित नागरिकों के माध्यम से पहले स्वजन को समझाने का प्रयास करेंगे. 

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प्रक्रिया की होगी वीडियोग्राफी

लोगों के समझाने के बावजूद यदि बात नहीं बनती है तो ऐसी स्थिति में पांच प्रतिष्ठित व्यक्तियों का समूह बनाया जाएगा, उसमें मृतक के समुदाय के व्यक्ति को शामिल किया जाएगा और पंच बनाकर पंचनामा तैयार किया जाएगा. इसके अलावा यदि किसी विषम परिस्थिति में रात में अंतिम संस्कार किया जाता है तो फिर उसकी अंत्येष्टि की वीडियोग्राफी भी की जाएगी जिससे कानूनी प्रक्रिया में उसका इस्तेमाल किया जा सके.  

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