डीएनए हिंदी: देश में पहली बार केरल की एक यूनिवर्सिटी की पहल लड़कियों के लिए बड़ी राहत लेकर आई है. केरल की कोचीन यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (Cusat) ने छात्राओं के लिए यह कदम उठाया है. विश्वविद्यालय का छात्र संघ एक अरसे से यह मांग कर रहा है. 11 जनवरी को जारी एक आदेश में कहा गया है कि विश्वविद्यालय ने प्रत्येक सेमेस्टर में छात्राओं की अटेंडेंस में कमी को लेकर 2 प्रतिशत अतिरिक्त छूट देने का फैसला किया है.
कोचिन यूनिवर्सिटी में सेमेस्ट एग्जाम में बैठने के लिए 75 फीसदी मौजूदगी अनिवार्य है. अब छात्राओं को उनके मेंस्ट्रुअल हेल्थ के मद्देनजर अटेंडेंस में 2 परसेंट की छूट दी जा रही है. अब अगर कोई स्टूडेंट 73 फीसदी अटेंडेंस के साथ एग्जाम देना चाहती है तो उसे रोका नहीं जाएगा.
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स्कूलों को भी ऐसे कदम उठाने की है जरूरत
कुसैट सिंडीकेट की मेंबर डॉ. पूर्णिमा नारायणन ने कहा है कि यूनिवर्सिटी ने छात्र संघ की एक एप्लीकेशन पर यह पहल की है. यह एकेडमिक्स की दनिया में बेहद शानदार कदम है. किशोर छात्राओं के लिए भी मासिक धर्म के दौरान छुट्टी देने के फैसले के बारे में लोगों को सोचना चाहिए.
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बीते साल 2022 में केरल की महात्मा गांधी यूनिवर्सिटी ने अपने पाठ्यक्रम के दौरान डिग्री और बीजेपी छात्राओं के लिए 60 दिनों का मातृत्व अवकाश देने का फैसला किया गया था.
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