डीएनए हिंदी: कांग्रेस (Congress) की महत्वाकांक्षी भारत जोड़ो यात्रा (Bharat Jodo Yatra) मिशन 2024 को साधने की पहली कोशिश है. 2024 में लोकसभा चुनाव होने वाले हैं, उससे पहले कांग्रेस अपनी सियासी जमीन मजबूत करने में जुटी है.राहुल गांधी इस यात्रा से अपनी नई छवि गढ़ने में कामयाब हुए हैं. हालिया विधानसभा चुनाव में हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस ने बहुमत से सरकार भी बना ली है. हालांकि गुजरात में पार्टी को कड़ी चोट पहुंची है.
राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा के दौरान नारा दिया था कि मैंने नफरत के बाजार में प्यार की दुकान खोली है. कन्याकुमारी से शुरू होकर 23 जनवरी को श्रीनगर में समाप्त होने वाले कांग्रेस के आउटरीच कार्यक्रम में यह लाइन गूंजती रही है. भारत जोड़ो यात्रा के बाद अब कांग्रेस हाथ से हाथ जोड़ो अभियान पर काम करने वाली है.
क्या है 2024 के लिए कांग्रेस का अगला प्लान?
कांग्रेस 26 जनवरी को'हाथ से हाथ जोड़ो अभियान' की शुरुआत करेगी, जो अगले दो महीने तक चलेगा. इसे सफल बनाने के लिए पार्टी ने हर राज्य में कार्यक्रम की निगरानी के लिए वरिष्ठ नेताओं को नियुक्त किया है. भारत जोड़ो यात्रा की सफलता से उत्साहित कांग्रेस बूथ स्तर के सम्मेलन के माध्यम से हर मतदाता तक पहुंचने की योजना बना रही है. पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारी कार्यक्रमों में भाग लेंगे. पार्टी ने महिलाओं के मार्च का नेतृत्व करने के लिए प्रियंका गांधी वाड्रा को नियुक्त किया है.
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महिलाओं को साधने के लिए प्रियंका ने कसी कमर
प्रियंका प्रत्येक राज्य की राजधानी में महिला मार्च का नेतृत्व करेंगी और एक 'महिला घोषणापत्र' पढ़ेंगी, क्योंकि कांग्रेस भारत जोड़ो यात्रा को बूथ स्तर तक ले जाने के लिए तैयार है. पार्टी ने इसके लिए राज्य स्तर और फिर जिला और ब्लॉक स्तर पर अपनी तैयारी बैठकें शुरू कर दी हैं.
भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने के लिए पार्टी समान विचारधारा वाले नेताओं तक पहुंची है. कुछ पहले ही शामिल हो चुके हैं और महबूबा मुफ्ती और फारूक अब्दुल्ला जैसे नेता इसमें शामिल होने के लिए सहमत हो गए हैं. पार्टी कार्यकर्ता राहुल गांधी के लिखे पत्र और बीजेपी सरकार के खिलाफ लगाए आरोप हर व्यक्ति को बांटेंगे. यात्रा के बाद प्रत्येक जिले में एक ब्लॉक स्तरीय सम्मेलन आयोजित किया जाएगा, जिसमें प्रदेश अध्यक्ष और राज्य कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शामिल होंगे.
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'भारत जोड़ो यात्रा बना जनआंदोलन'
कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा, भारत जोड़ो यात्रा एक आंदोलन बन गया है, आप लोग इसके बारे में जानते हैं. इस यात्रा में प्रतिदिन लाखों लोग भाग ले रहे हैं. कन्याकुमारी से शुरू होकर आज तक करोड़ों लोगों ने भाग लिया है.
केसी वेणुगोपाल ने कहा कि कांग्रेस नेताओं के अलावा आम लोगों ने इसमें उत्साहपूर्वक यात्रा में भाग लिया. पार्टी महासचिव ने यह भी कहा कि चूंकि यह यात्रा इस देश में सबसे बड़े आंदोलन के रूप में उभरी है, इसलिए कांग्रेस संचालन समिति ने 26 जनवरी से 'हाथ से हाथ जोड़ो अभियान' का फैसला किया.
कांग्रेस के हाथ से हाथ जोड़ो अभियान में क्या होगा खास?
कांग्रेस ने कहा कि यह दो महीने का व्यापक अभियान होगा. वरिष्ठ नेताओं के नेतृत्व में ब्लॉक स्तर पर दो महीने तक लगातार पदयात्रा होगी, जबकि राज्य इकाइयां यात्रा संचालन के लिए प्रत्येक ब्लॉक के लिए दो नेताओं को नियुक्त करेंगी. यात्रा ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के नेतृत्व में निकाली जाएगी, लेकिन यात्रा का नेतृत्व करने के लिए राज्य इकाई द्वारा प्रतिनियुक्त दो नेता होंगे.
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केसी वेणुगोपाल के मुताबिक, इस यात्रा के साथ-साथ ग्राम-स्तरीय सभाएं होंगी. गांवों के प्रभावशाली लोगों से संवाद होगा और विशाल जिला स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन होगा. फिर इस यात्रा का समापन राज्य की राजधानी में एक विशाल रैली के साथ होगा, जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे या राहुल गांधी भाग लेंगे.
क्या सफल हो गई कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा?
कांग्रेस कह रही है कि आलोचक अब मान रहे हैं कि यात्रा सफल रही. हरियाणा में बीजेपी के गठबंधन सहयोगी दुष्यंत चौटाला को भी राहुल गांधी द्वारा यात्रा में किए जा रहे प्रयास की प्रशंसा करते सुना गया है. रामदेव ने 3,570 किलोमीटर की यात्रा करने के लिए गांधी परिवार की प्रशंसा भी की.
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी इस शो का आनंद लेते दिख रहे हैं, क्योंकि दिल्ली की सर्द सर्दी में उन्होंने टी शर्ट पहनकर बीजेपी पर हमला किया और कहा कि वे नफरत और विभाजन को हवा दे रहे हैं लेकिन कांग्रेस इसकी अनुमति नहीं देगी. अलवर में राहुल गांधी ने मखदूम मोहिउद्दीन की एक कविता भी पढ़ी- हयात लेके चलो, कायनात ले के चलो, चलो तो सारे जमाने को साथ ले के चलो और कहा कि इस तरह वह सबको साथ लेकर चल रहे हैं. (इनपुट: IANS)
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