डीएनए हिंदी: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी 'भारत जोड़ो यात्रा' (Bharat Jodo Yatra) शुरू करने जा रहे हैं. यात्रा शुरू करने से पहले राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने सोमवार को सिविल सोसायटी के कई प्रमुख लोगों के साथ दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में बैठक की. इस मौके पर राहुल गांधी ने कहा कि इस यात्रा में उनके साथ कोई भी नहीं होगा तब भी वह अकेले ही चलेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि यह यात्रा उनके लिए 'तपस्या' की तरह है. कांग्रेस (Congress) की यह यात्रा 7 सितंबर को कन्याकुमारी से शुरू होकर कश्मीर तक जारी रहेगी. कांग्रेस को उम्मीद है कि तमाम संगठनों के लोग इस यात्रा के समर्थन में आगे आएंगे.
राहुल गांधी ने कहा कि भारत को एकजुट करने की लंबी लड़ाई के लिए वह तैयार हैं. राहुल गांधी के साथ यहां हुई बैठक में 'स्वराज इंडिया' के योगेंद्र यादव, योजना आयोग की पूर्व सदस्य सैयदा हमीद, 'एकता परिषद' के पीवी राजगोपाल, सफाई कर्मचारी आंदोलन के बेजवाड़ा विल्सन और कई अन्य सामाजिक एवं गैर सरकारी संगठनों के करीब 150 प्रतिनिधि शामिल हुए. बैठक के बाद इन प्रतिनिधियों ने घोषणा की कि वे देश को जोड़ने के इस अभियान से जुड़ेंगे और आने वाले दिनों में इसके समर्थन में अपील भी जारी करेंगे.
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'लंबी लड़ाई होगी, अकेले चलने को तैयार हूं'
सूत्रों ने बताया, 'राहुल गांधी ने इस यात्रा के उद्देश्य का उल्लेख करते हुए कहा कि इस यात्रा में मेरे साथ कोई चले न चले, मैं अकेला चलूंगा.' सूत्रों के अनुसार, राहुल गांधी ने सिविल सोसायटी के प्रतिनिधियों से कहा, 'मैं जानता हूं कि यह (देश को जोड़ने की) लंबी लड़ाई है. मैं इस लड़ाई के लिए तैयार हूं.' राहुल गांधी ने कहा कि वह इस यात्रा को अपने लिए तपस्या मानते हैं.'
राहुल गांधी ने बैठक में कहा, 'भारत की राजनीति का ध्रुवीकरण हो गया है. हम अपनी यात्रा में लोगों को बताएंगे कि कैसे एक तरफ आरएसएस की विचारधारा है और दूसरी तरफ हम लोगों की सबको साथ लेकर चलने की विचारधारा है. हम इस विश्वास को लेकर यात्रा शुरू कर रहे हैं कि भारत के लोग तोड़ने की नहीं, बल्कि जोड़ने की राजनीति चाहते हैं.'
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कन्याकुमारी से कश्मीर तक होगी भारत जोड़ो यात्रा
इस बैठक के बाद योगेंद्र यादव ने कहा, 'दिन भर की बातचीत के बाद यह राय बनी कि हम सर्वसम्मति से इस यात्रा का स्वागत करते हैं और अपने-अपने तरीके से इस यात्रा से जुड़ेंगे. आने वाले दिनों में हम अपील जारी करेंगे कि दूसरे जन संगठन भी इस यात्रा से जुड़ें.' कांग्रेस की यह यात्रा 7 सितंबर को तमिलनाडु के कन्याकुमारी से आरंभ होगी, जो 3500 किलोमीटर की दूरी तय करते हुए कश्मीर में समाप्त होगी. कांग्रेस का कहना है कि इस यात्रा में सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि और समान विचारधारा के लोग शामिल हो सकते हैं.
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