Bharat Jodo Yatra: CPM को क्यों रास नहीं आई कांग्रेस की यात्रा? जानिए कहां गलती कर गए राहुल गांधी

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Sep 13, 2022, 02:28 PM IST

Bharat Jodo Yatra

Rahul Gandhi News: साल 2004 में मनमोहन सरकार का समर्थन करने वाली सीपीएम ने कांग्रेस पार्टी की भारत जोड़ो यात्रा पर सवाल उठा दिए हैं.

डीएनए हिंदी: कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी इन दिनों भारत जोड़ो यात्रा के तहत पैदल मार्च निकाल रहे हैं. कन्याकुमारी से शुरू हुई उनकी यह यात्रा इस समय केरल के गुजर रही है. राहुल गांधी के नेतृत्व में निकाली जा रही इस यात्रा को कांग्रेस भले ही गैर सियासी कहे लेकिन इसपर अब भाजपा के अलावा कभी कांग्रेस की सहयोगी रही पार्टियों ने भी सवाल खड़े करने शुरू कर दिए हैं. सोमवार को मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ की आलोचना करते हुए कहा कि इस यात्रा के तहत उसके शासन वाले केरल में 18 दिन बिताना और भारतीय जनता पार्टी के शासन वाले उत्तर प्रदेश में दो दिन बिताना BJP और RSS से लड़ने का अजीबो-गरीब तरीका है. ऐसे में सवाल उठने लगे हैं कि क्या वाकई कांग्रेस सत्ता में वापसी के अपने उद्देश्य को लेकर भ्रमित है.

कांग्रेस की प्लानिंग पर उठ रहे सवाल
राहुल गांधी की यह यात्रा साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के पक्ष में माहौल तैयार करने के लिए हो रही है. आठ सितंबर को शुरू हुई 'भारत जोड़ो यात्रा' 11 सितंबर को केरल पहुंची. 18 दिन केरल के विभिन्न शहरों से गुजरने के बाद यह यात्रा 30 सिंतबर को कर्नाटक में दाखिल होगी. कर्नाटक में 21 दिनों में कांग्रेस के नेता 511 किलोमीटर का सफर तय करेंगे. यहां से राहुल गांधी की यह यात्रा आंध्र प्रदेश, तेलंगाना होते हुए महाराष्ट्र में एंट्री करेगी. महाराष्ट्र में एंट्री के बाद यह यात्रा मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, यूपी, दिल्ली और फिर दोबारा से हरियाणा, पंजाब होते हुए जम्मू-कश्मीर में एंट्री करेगी.

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ऐसा नहीं है अभी तक सिर्फ माकपा ने ही कांग्रेस की इस यात्रा पर सवाल उठाए हैं. माकपा से पहले महाराष्ट्र में कांग्रेस की सहयोगी एनसीपी के नेता अजीत पवार भी उनकी इस यात्रा पर सवाल उठा चुके हैं. अजीत पवार ने कहा था कि कांग्रेस की यह यात्रा यूपीए की भारत जोड़ो यात्रा नहीं है.महाराष्ट्र में कांग्रेस की यह यात्रा 16 दिनों में 383 किलोमीटर का सफर तय करेगी. सियासी जानकारों का मानना है कि कांग्रेस के सहयोगी या कभी कांग्रेस के सहयोगी रहे दल इस बात को लेकर चिंतित हैं कि कांग्रेस की यह यात्रा भाजपा के बजाए उन्हें नुकसान न पहुंचा दे.

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दरअसल महंगाई, बेराजगारी जैसे बड़े मुद्दों के बावजूद भी पिछले कई विधानसभा चुनाव यह साफ दर्शाते हैं कि मोदी सरकार के लिए कोई बड़ा खतरा नहीं है ऐसे में राहुल गाधी द्वारा अन्य दलों द्वारा शासित राज्यों में भारत जोड़ो यात्रा निकालने से भाजपा के बजाय उनको ज्यादा नुकसान हो सकता है. कांग्रेस की इस रणनीति में यूपी, बिहार और बंगाल जैसे राज्यों को शामिल न होना कहीं न कहीं बड़े सवाल खड़े करती है जबकि साल 2014 और 2019 में भाजपा इन राज्यों के जरिए केंद्र की सत्ता तक पहुंच गए हैं. इन राज्यों के अलावा यह यात्रा गुजरात भी कवर नहीं कर रही है जहां इस साल के अंत में चुनाव होने हैं.

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कांग्रेस का क्या है रुख
CPM के आरोपों पर पलटवार करते हुए कांग्रेस ने सोमवार को कहा कि केरल में भाजपा की ‘ए टीम’ है. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने पलटवार करते हुए CPM से कहा कि अपना होमवर्क बेहतर करिए और यह जानिए कि इस यात्रा की योजना इस तरह से क्यों बनी. एक पार्टी से तुच्छ आलोचना हो रही है, जो भाजपा की ए टीम है. कांग्रेस का कहना है कि यात्रा का प्लान चुनावों को देखते हुए नहीं किया गया है. यात्रा गुजरात नहीं जाएगी जहां 2022 के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं. इसी तरह इसमें छत्तीसगढ़ को भी शामिल नहीं किया गया है.

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कहां चूक गई कांग्रेस!
महंगाई और बेरोजगारी जैसे तमाम मुद्दों के बीच कांग्रेस इस समय अपने समय खराब दौर से गुजर रही है. यूपी और बिहार में वह बहुत बुरे हाल में है. कांग्रेस को खराब हालात को देखते हुए ही एक-एक राज्यों वाली पार्टियां भी खुद को पीएम पद की उम्मीदवार बता रही हैं. अगर वाकई कांग्रेस का उद्देश्य साल 2024 में सत्ता परिवर्तन करना है तो उसे भाजपा और संघ के नेटवर्क के खिलाफ सभी विपक्षी दलों को एक करना होगा. केरल से लेकर कश्मीर तक भाजपा विरोधी दलों के साथ मिलकर बड़ी लड़ाई प्लान करनी होगी जैसी इमरजेंसी के खिलाफ इंदिरा के खिलाफ सभी दलों ने मिलकर लड़ी थी. इसके अलावा यात्रा प्लान करते समय कांग्रेस पार्टी को चुनावी इंजीनियरिंग से लेकर सामाजिक व राजनीतिक इंजीनियरिंग का ख्याल रखते समय हिंदी पट्टी पर ज्यादा से ज्यादा समय देना चाहिए था.

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