कुछ समय पहले ही कलकत्ता हाई कोर्ट के जज रहे अभिजीत गंगोपाध्याय ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. न्यायिक सेवा छोड़ने के बाद वह भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल हो गए थे. हाल ही में बीजेपी ने उन्हें लोकसभा का टिकट भी दे दिया है. अब अभिजीत गंगोपाध्याय ने महात्मा गांधी और नाथूराम गोडसे को लेकर कुछ ऐसा कह दिया है जिसको लेकर उनकी खूब आलोचना हो रही है. कांग्रेस ने इसे 'दयनीय से भी बदतर' बताकर पीएम मोदी पर निशाना साधा है. कांग्रेस का कहना है कि अभिजीत गंगोपाध्याय को पीएम नरेंद्र मोदी का आशीर्वाद प्राप्त है.
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने X पर एक पोस्ट में कहा, "यह दयनीय से भी बदतर है कि कलकत्ता हाई कोर्ट के एक पूर्व न्यायाधीश का कहना है कि वह गांधी और गोडसे के बीच चयन नहीं कर सकते, जिन्होंने चुनाव लड़ने के लिए हाल ही में त्यागपत्र दे दिया था और जिन्हें किसी और का नहीं बल्कि प्रधानमंत्री का आशीर्वाद प्राप्त है." रमेश ने कहा, "यह पूरी तरह से अस्वीकार्य है और उन लोगों को उनकी उम्मीदवारी तुरंत वापस ले लेनी चाहिए जिन्होंने महात्मा की विरासत को हड़पने में कोई कसर नहीं छोड़ी."
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कांग्रेस ने की टिकट वापस लेने की मांग
उन्होंने कहा, "फादर ऑफ नेशन (राष्ट्रपिता) की रक्षा के लिए 'फादर ऑफ डो-नेशन' अब क्या करेंगे." एक निजी समाचार चैनल पर अभिजीत गंगोपाध्याय ने कहा था कि वह महात्मा गांधी और नाथूराम गोडसे में से किसी एक को चुन नहीं सकते. उनके हवाले से कहा गया, "कानूनी पेशे से जुड़े व्यक्ति के रूप में, मुझे कहानी के दूसरे पक्ष को समझने की कोशिश करनी चाहिए. मुझे उनके (नाथूराम गोडसे) लेखन को पढ़ना चाहिए और समझना चाहिए कि किस वजह से उन्हें महात्मा गांधी की हत्या करनी पड़ी. तब तक, मैं गांधी और गोडसे के बीच चयन नहीं कर सकता."
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हालांकि, अभिजीत गंगोपाध्याय ने महात्मा गांधी की हत्या की निंदा की लेकिन ऐतिहासिक घटनाओं के सभी पहलुओं की जांच करने की आवश्यकता पर जोर दिया.
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