डीएनए हिंदी: राज्यसभा चुनाव कई राज्यों में राजनीति को प्रभावित कर रहे हैं. झारखंड में कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) का गठबंधन भी खतरे में पड़ता दिख रहा है. कांग्रेस और JMM के नेताओं के बयान से गठबंधन टूटने की आशंका भी जताई जा रही है. अगर ऐसा होता है तो मध्य प्रदेश और पंजाब के बाद कांग्रेस एक और राज्य में सत्ता गंवा सकती है.
पहले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला और अब राज्यसभा चुनाव, इन दोनों मुद्दों ने झारखंड सरकार की नींव हिला दी है. दोनों पार्टियों के नेता अब एक-दूसरे के खिलाफ लगातार बयानबाजी कर रहे हैं. JMM ने महुआ माझी को राज्यसभा उम्मीदवार बनाया गया है. कांग्रेस इसी बात पर विरोध जता रही है, क्योंकि उसे उम्मीद थी कि यह सीट उसके हिस्से में आएगी.
अविनाश पांडे बोले- अकेले कोई सरकार नहीं चला सकता
झारखंड में कांग्रेस के इनचार्ज अविनाश पांडे ने कहा, 'जेएमएम ने राज्यसभा चुनाव के लिए अपने उम्मीदवार की घोषणा कर दी. हमारी राय थी कि सभी गठबंधन सहयोगी चर्चा करते फिर एक नाम का ऐलान करते. उनके पास पर्याप्त विधायक हैं और उन्होंने ऐलान कर दिया. यह सच है कि कांग्रेस ने पहले कहा था कि इस बार उम्मीदवार कांग्रेस का होगा.'
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जेएमएम पर हमला बोलते हुए अविनाश पांडे ने कहा, 'ना तो वे (JMM) ना हम, अकेले कोई सरकार नहीं चला सकता. जब गाड़ी चलती है तो ज़रूरी है कि एक-दूसरे का हाथ पकड़कर आगे बढ़ें. हम अपने नेताओं और अपने विधायक दल के साथ इस पर चर्चा करेंगे. कल हमारी वर्कशॉप है. हम चाहते हैं कि मुख्यमंत्री हमें आगे का रास्ता बताएं.'
JMM पर सख्ती के मूड में है कांग्रेस
गठबंधन सहयोगी JMM के मुखिया और सीएम हेमंत सोरेन ने सोनिया गांधी से मुलाकात की थी. इसके बाद भी JMM की ओर से उम्मीदवार उतारे जाने से कांग्रेस बेहद नाराज है. खुलेआम बयानबाजी हो रही है कि और गठबंधन धर्म की दुहाई दी जा रही है.
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झारखंड कांग्रेस के अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा, 'हम जानते हैं कि राज्य के विकास में तेजी कैसे लाई जाती है. अगर कोई कहता है कि हम झुक रहे हैं तो हम झारखंड के लिए लोगों के वह भी कर सकते हैं. कांग्रेस ऐसी पार्टी नहीं है जो किसी दूसरी पार्टी के सामने झुके. गठबंधन तभी चल सकता है जब हर कोई एक-दूसरे के सामने झुके. जिद पालने से काम नहीं हो सकता.'
खतरे में है हेमंत सोरेन की कुर्सी
दूसरी तरफ, सीएम हेमंत सोरेन के खिलाफ चल रही भ्रष्टाचार की जांच ने खुद उनकी कुर्सी पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं. अपने रिश्तेदारों को खदान के आवंटन मामले में हेमंत सोरेन बुरी तरह घिरे हैं. बीजेपी लगातार आवाज उठा रही है और वह पूरी कोशिश भी कर रही है कि हेमंत सोरेन इस मामले में फंस जाएं और दोषी करार दिए जाएं.
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आपको बता दें कि इस मामले में अगर हेमंत सोरेन को कोर्ट की ओर से दोषी पाया जाता है, तो उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना होगा. वहीं, झारखंड में कांग्रेस के प्रभारी रहे आरपीएन सिंह के बीजेपी में शामिल होने के बाद भी पार्टी की मुश्किलें बढ़ गई हैं. लोगों का कहना है कि आरपीएन सिंह कई विधायकों के संपर्क में भी हैं और कभी भी सरकार पर संकट खड़ा कर सकते हैं.
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