डीएनए हिंदी: देश की आजादी के 75 साल होने के मौके पर 'आजादी का अमृत महोत्सव' (Amrit Mahotsav) मनाया जा रहा है. इस मौके पर महाराष्ट्र कांग्रेस के एक पूर्व विधायक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) से अजीबोगरीब मांग कर डाली है. कांग्रेस नेता आशीष देशमुख (Ashish Deshmukh) ने पीएम नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर मांग की है कि वह आजादी के 75वें साल के मौके पर भारत में 75 छोटे-छोटे राज्य बनाकर देश को गिफ्ट दे दें. आशीष देशमुख लगातार अलग विदर्भ राज्य की मांग भी करते रहे हैं. 75 राज्य बनाने की मांग के पीछे उन्होंने बाकायदा अपना तर्क भी पेश किया है.
कांग्रेस नेता आशीष देशमुख महाराष्ट्र की कटोल विधानसभा सीट से विधायक रह चुके हैं. लंबे समय से अलग विदर्भ राज्य की मांग करने वाले अनिल देशमुख ने प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखी है. अपनी चिट्ठी में उन्होंने कहा है कि जनसंख्या के लिहाज से एक राज्य की औसत जनसंख्या लगभग 4.90 करोड़ लोगों की है. ऐसे में राज्य बहुत बड़े हैं और जनता के मुद्दे पीछे छूट जाते हैं.
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क्यों 75 राज्य चाहते हैं कांग्रेस नेता?
आशीष देशमुख लिखते हैं, 'महाराष्ट्र से सटे हुए छोटे-छोटे राज्य तेजी से प्रगति कर रहे हैं जबकि विदर्भ जैसे समृद्ध और संपन्न क्षेत्र आज भी तमाम समस्याओं से जूझ रहे हैं. नए बनाए गए पड़ोसी राज्य अलग-अलग क्षेत्रों में तेजी से विकास कर रहे हैं. उदाहरण के लिए इन राज्यों में प्रति व्यक्ति आय, सिंचाई की व्यवस्था, स्वास्थ्य सुविधाएं, शिक्षा, कानून व्यवस्था, सड़कों, पीने का पानी, लोगों के रहन-सहन, बिजली की व्यवस्था और रोजगार की स्थिति में काफी हद तक सुधार हो रहा है.'
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कांग्रेस के पूर्व विधायक देशमुख ने लिखा है, 'बीजेपी की नीति ऐसी रही है कि उसने हमेशा छोटे राज्यों का साथ दिया है. इसलिए मेरा यह अनुरोध है कि 75@75 के विचार पर काम शुरू किया जाना चाहिए और सबसे पहले विदर्भ को देश का 30वां राज्य बना देना चाहिए. इसके साथ ही पीएम मोदी को चाहिए कि वह 15 अगस्त को अपने भाषण में ऐलान करें कि देश में 75 राज्य बनाए जाएंगे.'
अलग राज्यों की मांग है पुरानी
देश में अलग-अलग राज्य बनाने की मांग काफी समय से चल रही है. इन्हीं मांगों के चलते ही हरियाणा, गुजरात, तेलंगाना और पूर्वोत्तर के कई राज्यों का जन्म हुआ है. वर्तमान में भी देश के अलग-अलग हिस्सों में भाषा, क्षेत्रीयता या अन्य मुद्दों के आधार पर अलग राज्यों की मांग हो रही है. इसमें विदर्भ, गोरखालैंड, मिथिला (बिहार), तिपरा जैसे कई अलग राज्यों की मांग के लिए मांगें उठती रही हैं.
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