डीएनए हिंदी: आधार कार्ड को वोटर आईडी कार्ड से लिंक (Aadhaar Voter ID card Link) करना अनिवार्य है. इसे लेकर आम जनता की जो भी राय हो, मगर कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला (Randeep Surjewala) ने सुप्रीम कोर्ट में सरकार के इस फैसले को चुनौती दी थी. इस पर आज सुनवाई होनी है. न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना की पीठ इस याचिका पर सुनवाई करेगी.
आधार कार्ड को वोटर आईडी कार्ड से लिंक करने के खिलाफ क्यों दी गई है याचिका?
कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने अपनी याचिका में कहा है कि वोटर कार्ड के डाटा को आधार से जोड़ने पर नागरिकों की निजता के मौलिक अधिकार का हनन होगा. यह असंवैधानिक है. उन्होंने अपनी याचिका में सरकार के इस फैसले को रद्द करने की मांग की है.
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विपक्षी दल भी कर रहे हैं Aadhaar-Voter ID card Link का विरोध?
कांग्रेस के अलावा डीएमके, तृणमूल कांग्रेस, शिवसेना और बसपा ने भी आधार से वोटर कार्ड लिंक कराने का विरोध किया है. विपक्षी दलों का भी कहना है कि इस व्यवस्था में कई खामियां हैं और ऐसे में अगर वोटर आईडी कार्ड को आधार से लिंक किया जाता है तो इसका नुकसान गरीब मतदाताओं को होगा. साथ ही साथ यह लोगों के निजता के अधिकार का भी हनन करता है.
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क्यों किया गया आधार कार्ड को वोटर आईडी से जोड़ने का फैसला?
इस कवायद का मकसद फर्जी वोटर आईडी कार्ड्स जैसे मामलों को खत्म करना है. एक ही व्यक्ति के नाम पर कई वोटर कार्ड बनवाकर उनका कई बार गलत इस्तेमाल होने के मामले भी सामने आते रहे हैं. ऐसे में इस फैसले का मकसद चुनावी प्रक्रिया को त्रुटि रहित बनाना है. आधार को वोटर आईडी से जोड़ने के नए नियम 1 अगस्त, 2022 से प्रभावी होंगे. नए नियमों के तहत 1 अप्रैल 2023 या उससे पहले तक वोटर लिस्ट में जिनके भी नाम हैं, उन्हें अपना आधार नंबर बताना होगा. जिन लोगों के पास आधार नंबर नहीं है उन्हें यह बात लिखित में देनी होगी कि उनके पास आधार कार्ड नहीं है.
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