Aadhaar-Voter ID Linking के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट क्यों पहुंची कांग्रेस, आज है सुनवाई, जानें पूरा मामला

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Jul 25, 2022, 10:06 AM IST

आधार कार्ड और वोटर आईडी को लिंक करने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई

Aadhaar-Voter ID Linking: सरकार के आधार कार्ड को वोटर आईडी से लिंक करने के फैसले के खिलाफ कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दी थी. इस पर आज सुनवाई होनी है.

डीएनए हिंदी: आधार कार्ड को वोटर आईडी कार्ड से लिंक (Aadhaar Voter ID card Link) करना अनिवार्य है. इसे लेकर आम जनता की जो भी राय हो, मगर कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला (Randeep Surjewala) ने सुप्रीम कोर्ट में सरकार के इस फैसले को चुनौती दी थी. इस पर आज सुनवाई होनी है. न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना की पीठ इस याचिका पर सुनवाई करेगी. 

आधार कार्ड को वोटर आईडी कार्ड से लिंक करने के खिलाफ क्यों दी गई है याचिका?
कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने अपनी याचिका में कहा है कि वोटर कार्ड के डाटा को आधार से जोड़ने पर नागरिकों की निजता के मौलिक अधिकार का हनन होगा. यह असंवैधानिक है.  उन्होंने अपनी याचिका में सरकार के इस फैसले को रद्द करने की मांग की है.

ये भी पढ़ें- Margaret Alva ने मांगा वोट तो बोले हिमंत बिस्वा सरमा- मुझे तो वोट ही नहीं देना, समझिए क्या है मामला

विपक्षी दल भी कर रहे हैं Aadhaar-Voter ID card Link का विरोध?
कांग्रेस के अलावा डीएमके, तृणमूल कांग्रेस, शिवसेना और बसपा ने भी आधार से वोटर कार्ड लिंक कराने का विरोध किया है. विपक्षी दलों का भी कहना है कि इस व्यवस्था में कई खामियां हैं और ऐसे में अगर वोटर आईडी कार्ड को आधार से लिंक किया जाता है तो इसका नुकसान गरीब मतदाताओं को होगा. साथ ही साथ यह लोगों के निजता के अधिकार का भी हनन करता है.

ये भी पढ़ें- Droupadi Murmu Oath Ceremony: द्रौपदी मुर्मू आज लेंगी राष्ट्रपति पद की शपथ, ऐसा रहेगा पूरा शेड्यूल

क्यों किया गया आधार कार्ड को वोटर आईडी से जोड़ने का फैसला?
इस कवायद का मकसद फर्जी वोटर आईडी कार्ड्स जैसे मामलों को खत्म करना है. एक ही व्यक्ति के नाम पर कई वोटर कार्ड बनवाकर उनका कई बार गलत इस्तेमाल होने के मामले भी सामने आते रहे हैं. ऐसे में इस फैसले का मकसद चुनावी प्रक्रिया को त्रुटि रहित बनाना है. आधार को वोटर आईडी से जोड़ने के नए नियम 1 अगस्‍त, 2022 से प्रभावी होंगे. नए नियमों के तहत 1 अप्रैल 2023 या उससे पहले तक वोटर लिस्‍ट में जिनके भी नाम हैं, उन्‍हें अपना आधार नंबर बताना होगा. जिन लोगों के पास आधार नंबर नहीं है उन्हें यह बात लिखित में देनी होगी कि उनके पास आधार कार्ड नहीं है. 

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.