छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार शहर में हुए सतनामी समुदाय के प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा के मामले में पुलिस ने 17 अगस्त को कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव को उनके आवास से गिरफ्तार कर लिया था. विधायक देवेंद्र यादव ने बीजेपी सरकार पर कांग्रेस के कार्यकर्ताओं पर झूठा आरोप लगाकर फंसाने का आरोप लगाया है. कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव को उनके दुर्ग जिले के घर से हिरासत में लिया गया गया. बाद में बलौदाबाजार लाया गया. जहां उन्हे गिरफ्तार कर लिया गया. बलौदाबाजार के पुलिस अधीक्षक विजय अग्रवाल ने बताया कि पुलिस की कार्रवाई की खबर सुनने के बाद उनके कई समर्थक घर के बाहर जमा हो गए और नारेबाजी करने लगे. आपको बताते चलें कि सतनामी समुदाय जिसे मध्यकालीन समाज सुधारक बाबा गुरु घासीदास ने स्थापित किया था, यह समाज छत्तीसगढ़ में सबसे बड़ा अनुसूचित जाती Schdule Caste समूह भी है.
देवेंद्र यादव पर कई धाराएं दर्ज
आपको बता दें कि देवेंद्र यादव छत्तीसगढ़ कांग्रेस के एक बड़े युवा नेता हैं. वो भिलाई नगर विधानसभा सीट से दूसरी बार विधायक बने हैं. पुलिस अधीक्षक विजय अग्रवाल ने कहा कि देवेंद्र को बलौदाबाजार में हुई आगजनी घटना में कोतवाली थाना में दर्ज एक मामले में गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने देवेंद्र पर भारतीय दंड संहिता की धारा 153ए (विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी ), 120बी (आपराधिक साजिश), 147 (दंगा करने के लिए सजा), 186 (लोक सेवक को उसके कर्तव्यों के निर्वहन से बाधित करना), 353 (लोक सेवक को उसके कर्तव्यों के निर्वहन से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल प्रयोग), 307 (हत्या का प्रयास), समेत कई अन्य धाराओं और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान से बचाने के लिए अधिनियम, 1984 के तहत दर्ज किया गया है. उन्होंने आगे बताया कि देवेंद्र को एक स्थानीय अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें 20 अगस्त तक न्यायिक हिरासत में भेजा गया है.
कैसे शुरू हुआ था पूरा मामला?
आपको बता दें की ये पूरा मामला 10 जून को बलौदाबाजार बाजार में हुए प्रदर्शन से जुड़ा हुआ है. दरअसल इससे पहले 15 और 16 मई के मध्यरात्रि में गिरौदपुरी धाम में सतनामी समाज का पवित्र जैतखाम (विजय स्तम्भ) को कुछ अज्ञात लोगों ने तोड़ दिया था, जिसके बाद ये विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ. 10 जून को सतनामी समाज द्वारा विजय स्तम्भ को तोड़े जाने के विरोध में आयोजित प्रदर्शन के दौरान एक उग्र भीड़ ने बलौदाबाजार शहर में एक सरकारी बिल्डिंग और करीब 150 से अधिक गाड़ियों में आग लगा दी थी. जिसके बाद पुलिस प्रशासन को धारा 144 लगानी पड़ी. कांग्रेस नेता जिनमे देवेंद्र भी शामिल थे, उन्होने इस प्रदर्शन के दौरान दशहरा मैदान में आयोजित एक पब्लिक सभा में हिस्सा लिया था. 10 जून को हुए इस उग्र प्रदर्शन के मामले में पुलिस ने भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ (एनएसयूआई) और भीम रेजिमेंट के लोगों समेत लगभग 150 लोगों को गिरफ्तार किया था. देवेंद्र ने बीजेपी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ता को आगजनी मामले में फंसाया जा रहा है, और वो राज्य सरकार से नही डरते हैं और कानून के माध्यम से अपनी लड़ाई जारी रखेंगे.
भूपेश बघेल ने सरकार की कार्रवाई पर उठाए सवाल
छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने देवेंद्र की गिरफ्तारी को राजनीती से प्रेरित बताया. उन्होंने कहा कि 'इस पूरे मामले में सरकार और पुलिस की मिलीभगत है.' बघेल आगे कहते हैं कि 'इस मामले में बीजेपी के भी कई सदस्य शामिल थे पर उनमें से न तो किसी से पूछताछ हुई और न ही कोई गिरफ्तारी की गई. उन्होंने बताया कि 'सतनामी समुदाय के प्रदर्शन वाले एक भी वीडियो में देवेंद्र को मंच पर चढ़ते हुए नहीं देखा गया है और न ही वो वहां लंबे समय तक रुके.' भूपेश बघेल ने आगे बताया कि 'कांग्रेस विधायक की गिरफ्तारी पूरी तरह से राजनीतिक भावना के कारण हुई है और हम इसका विरोध करते हैं. हम कानूनी सलाह लेंगे और उसके अनुसार ही आगे की कारवाई का फैसला करेंगे.'
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