डीएनए हिन्दी: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है. गहलोत के फैसले से कांग्रेस अध्यक्ष पद (Congress President Post) के चुनाव ने नया मोड़ ले लिया है. अभी तक माना जा रहा था कि गहलोत के पीछे गांधी परिवार का हाथ है और उनका अध्यक्ष बनना तय है. चुनाव में गहलोत और शशि थरूर (Shashi Tharoor) आमने-सामने दिख रहे थे. मैदान से गहलोत के हटने के बाद अब मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह (Digvijaya Singh) ने चुनाव लड़ने की घोषणा की कर दी है.
कांग्रेस के भीतर और कांग्रेस के बाहर यह माना जा रहा था कि कांग्रेस के अगले अध्यक्ष अशोक गहलोत ही होंगे. लेकिन, राजस्थान कांग्रेस के विद्रोह के बाद पूरी स्क्रिप्ट ही बदल गई. भले गहलोत सफाई दें ,लेकिन इसके पीछे का मास्टरमाइंड उन्हें ही माना जा रहा है. गहलोत के चुनाव से हटने के बाद अब कई कांग्रेसी अध्यक्ष पद की रेस में दिख रहे हैं. आइए एक नजर डालते हैं अब कांग्रेस अध्यक्ष पद की रेस कौन-कौन के नाम बचे हैं.
शशि थरूर
शशि थरूर 3 बार से तिरुवनंतपुरम से सांसद हैं. शुरू में इन्हें जी-23 का हिस्सा माना जाता था. पार्टी के भीतर इन्होंने सुधार की वकालत की थी. थरूर का मानना था कि पार्टी को एक पूर्णकालिक अध्यक्ष मिलना चाहिए, जो हर वक्त कार्यकर्ताओं के लिए उपलब्ध रहे.
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थरूर के बारे में कहा जाता है कि वह एक आकर्षक वक्ता है. सोशल मीडिया पर भी बेहद लोकप्रिय हैं. हालांकि, वह हिन्दी भी बोल लेते हैं लेकिन अंग्रेजी पर उनकी पकड़ ज्यादा अच्छी है. इसे उनकी एक कमी के रूप में भी देखा जाता है. पार्टी के कुछ नेताओं का मानना है कि थरूर के अध्यक्ष बनने से हिन्दी बेल्ट में पार्टी को नुकसान हो सकता है.
दिग्विजय सिंह
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह प्रणव मुखर्जी के बाद कांग्रेस के संकटमोचक भी माने जाते हैं. उन्हें गांधी परिवार का वफादार भी माना जाता है. उन्होंने गुरुवार को अपनी उम्मीदवारी की पुष्टि भी की. कांग्रेस के कुछ नेता उन्हें गहलोत के विकल्प के रूप में देख रहे हैं.
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दिग्वजिय सिंह एक अनुभवी नेता हैं. 5 बार विधायक रह चुके हैं. 2 बार लोकसभा सांसद भी रह चुके हैं. राज्यसभा में भी उनका दूसरा कार्यकाल है. वह दो बार मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. ऐसा माना जा रहा है कि अगर चुनाव होता है तो शशि थरूर उनके मुख्य प्रतिद्वंद्वी हो सकते हैं.
मल्लिकार्जुन खड़गे
मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) राज्यसभा में विपक्ष के नेता हैं. वह भी गांधी परिवार के करीबी माने जाते हैं. वह 9 बार विधायक रहे हैं और 2 लोकसभा सांसद चुनकर आए हैं. वह पहले लोकसभा में विपक्ष के नेता थे. हालांकि, जो कमी थरूर की है वह मल्लिकार्जुन खड़गे की भी है. यानी हिन्दी पर उनकी भी कमजोर पकड़ है.
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मनीष तिवारी
मनीष तिवारी को भी कांग्रेस के विद्रोही ग्रुप जी-23 का हिस्सा माना जाता है. हाल ही वह नरेंद्र मोदी सरकार के कुछ पलह की प्रशंसा और अनपी पार्टी की कार्यप्रणाली की आलोचना भी कर चुके हैं. यह कयास लगाया जा रहा है कि वह भी चुनाव लड़ सकते हैं. हालांकि, इस मुद्दे पर अभी तक वह चुप हैं.
इसके अलावा कुछ और नामों की भी अटकलें लगाई जा रही हैं. इसमें राहुल गांधी के सहयोगी केसी वेणुगोपाल, राज्यसभा सांसद मुकुल वासनिक, पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार, पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी शैलजा, सोनिया गांधी की करीबी अंबिका सोनी और पवन बंसल.
लेकिन, यह वक्त ही बताएगा कि अगला कांग्रेस अध्यक्ष इनमें से कौन होगा या फिर कोई नया शख्स होगा.