डीएनए हिंदीः कांग्रेस (Congress) में अध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर हलचल तेज हो गई है. आज से नामांकन की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है. कांग्रेस से नाराज जी-23 गुट की ओर से अभी तक शशि थरूर (Shashi Tharoor) का नाम आगे चल रहा था. सूत्रों का कहना है कि जी-23 गुट उनके नाम को लेकर एकमत नहीं है. यहां तक कि शशि थरूर के नाम को लेकर कोई चर्चा भी नहीं की गई है. थरूर ने खुद ही नामांकन का फैसला लिया है. अब जानकारी सामने आई है कि मनीष तिवारी (Manish Tewari) को भी चुनाव मैदान में उतारा जा सकता है.
दिग्विजय सिंह का नाम भी आया सामने
अभी तक इस चुनाव को लेकर अशोक गहलोत और शशि थरूर के नाम को लेकर चर्चाएं थीं लेकिन अब कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव में दिग्विजय सिंह की भी एंट्री हो सकती है. न्यूज एजेंसी ANI ने सूत्रों के हवाले से जानकारी दी है कि दिग्विजय सिंह आज राजधानी नई दिल्ली पहुंच सकते हैं. जानकारी के मुताबिक वह दिल्ली में सोनिया गांधी से मुलाकात कर सकते हैं. सूत्रों ने दावा किया कि वह पार्टी अध्यक्ष पद के संभावित दावेदार हैं. दिग्विजय सिंह अभी राहुल गांधी के साथ 'भारत जोड़ो यात्रा' का हिस्सा हैं.
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ये है चुनावी कार्यक्रम?
कांग्रेस अध्यक्ष पद चुनाव के लिए 22 सितंबर को अधिसूचना जारी की जाएगी. नामांकन दाखिल करने की तिथि 24 से 30 सितंबर तक चलेगी. नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि 8 अक्टूबर है. एक से अधिक उम्मीदवार होने पर 17 अक्टूबर को मतदान होगा और नतीजे 19 अक्टूबर को घोषित किये जाएंगे.
अशोक गहलोत को लेकर भी सस्पेंस बरकरार
कांग्रेस अध्यक्ष पद की रेस में राहुल गांधी का नाम भी आगे चल रहा है. राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने साफ कहा है कि वह पहले राहुल गांधी को मनाने की कोशिश करेंगे, अगर वह नहीं मानते हैं तो अपना नामांकन दाखिल करेंगे. अध्यक्ष पद के लिए उनका नाम चर्चा में आने के बाद राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा कि पार्टी में कोई दो पदों पर नहीं रह सकता है. उनका इशारा मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर था. हालांकि गहलोत ने सीएम की कुर्सी छोड़ने से इनकार कर दिया है. एक ओर अशोक गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए चुनाव तो लड़ना चाहते हैं, मगर दूसरी ओर वह राजस्थान के मुख्यमंत्री पद को भी छोड़ना नहीं चाहते हैं. इस तरह अगर वह कांग्रेस अध्यक्ष बन जाते हैं तो उनके सामने उदयपुर संकल्प नामक बड़ी अड़चन होगी, जिससे उन्हें पार पाना होगा, क्योंकि उस संकल्प में ‘एक व्यक्ति और एक पद’ के सिद्धांत की बात कही गई है.
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