डीएनए हिंदीः 22 साल बाद कांग्रेस (Congress) अध्यक्ष पद के लिए आज से चुनावी प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. 22 सितंबर यानी गुरुवार को नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा. वरिष्ठ नेता मधुसूदन मिस्त्री (Madhusudan Mistri) की अध्यक्षता वाले केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण की ओर से प्रक्रिया पूरी की जाएगी. अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए अभी तक शशि थरूर (Shashi Tharoor) और अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) का नाम सामने आ रहा है. हालांकि अभी तय नहीं है तो कि कांग्रेस के दोनों ही नेता नामांकन दाखिल करेंगे या नहीं. अशोक गहलोत समेत तमाम बड़े नेता अभी भी राहुल गांधी को मनाने की कोशिश में जुटे हैं.
क्या है कार्यक्रम?
कांग्रेस अध्यक्ष पद चुनाव के लिए 22 सितंबर को अधिसूचना जारी की जाएगी. नामांकन दाखिल करने की तिथि 24 से 30 सितंबर तक चलेगी. नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि 8 अक्टूबर है. एक से अधिक उम्मीदवार होने पर 17 अक्टूबर को मतदान होगा और नतीजे 19 अक्टूबर को घोषित किये जाएंगे.
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इससे पहले कब हुआ था कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव?
कांग्रेस में 22 साल पहले सन 2000 को सोनिया गांधी और जितेंद्र प्रसाद के बीच मुकाबला हुआ था, जिसमें प्रसाद को करारी शिकस्त मिली थी. इससे पहले 1997 में सीताराम केसरी, शरद पवार और राजेश पायलट के बीच अध्यक्ष पद को लेकर मुकाबला हुआ था, जिसमें केसरी जीते थे.
अभी तक सिर्फ दो बार हुए अध्यक्ष पद के लिए चुनाव
कांग्रेस पार्टी के इतिहास में अध्यक्ष पद अधिकतर गांधी परिवार के पास ही रहा है. आजादी के 75 सालों में 40 साल नेहरू-गांधी परिवार से कोई न कोई अध्यक्ष रहा तो 35 साल पार्टी की कमान गांधी-परिवार से बाहर रही. पिछले तीन दशक में सिर्फ दो ही मौके ऐसे आए हैं जब चुनाव कराने की जरूरत पड़ी हो. 1997 में सीताराम केसरी के खिलाफ शरद पवार और राजेश पायलट ने पर्चा भरा था, जहां केसरी को जीत मिली. इस चुनाव में सीताराम केसरी को 6224 वोट मिले तो वहीं पवार को 882 और पायलट को 354 वोट मिले थे. इसके बाद 2000 में दूसरी बार वोटिंग की नौबत आई. तब जब सोनिया गांधी को कांग्रेस के भीतर से दिग्गज नेता जीतेंद्र प्रसाद से चुनौती मिली. जब सोनिया गांधी को 7448 वोट मिले, वहीं प्रसाद को कुल 94 वोट मिले.
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कैसे चुना जाता है कांग्रेस अध्यक्ष?
कांग्रेस संविधान के मुताबिक पार्टी के अध्यक्ष का चुनाव बाकायदा कुछ उसी तर्ज पर होता है जैसे देश में चुनाव होते हैं. सबसे पहले चुनाव के लिए सेंट्रल इलेक्शन अथॉरिटी (CEA) का गठन किया जाता है. अथॉरिटी के अध्यक्ष और टीम का फैसला कांग्रेस अध्यक्ष CWC की मदद से करता है. अथॉरिटी के गठन के बाद वह चुनाव का पूरा खाका और शेड्यूल तैयार करती है. जिसमें हर स्तर पर चयन की प्रक्रिया, नामांकन, नाम वापसी से ले कर, स्क्रूटनी, इलेक्शन, नतीजा और जीत के बाद विजेता को सर्टिफिकेट देने तक सबकी तारीख तय होती है.
कौन लड़ सकता है अध्यक्ष का चुनाव?
कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति चुनाव के लिए हर प्रदेश में एक रिटर्निंग अधिकारी और एक से दो एपीआरओ (राज्यों के आकार के मुताबिक असिस्टेंट प्रदेश रिटर्निंग अफसर) नियुक्त किए जाते हैं. इसके बाद प्रदेश कांग्रेस समिति के सदस्य अध्यक्ष पद के उम्मीदवार के लिए प्रस्तावक बनते हैं. कांग्रेस के अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने के लिए पार्टी के किसी भी व्यक्ति को बतौर प्रस्तावक 10 पीसीसी डेलिगेट्स का समर्थन हर हाल में चाहिए होता है. ऐसे में कांग्रेस के किसी भी सदस्य को अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ना है तो उसे पहले 10 पीसीसी डेलिगेट्स को अपने समर्थन में जुटाना होगा. उम्मीदवारों के नामों को रिटर्निंग अधिकारी के पास भेजा जाता है और चुनाव के लिए एक तारीख निर्धारित की जाती है. इस बीच नाम वापसी के लिए सात दिन का समय भी दिया जाता है. कांग्रेस पार्टी के संविधान के मुताबिक एक से ज्यादा उम्मीदवार होने पर ही चुनाव होता है और अगर एक ही प्रत्याशी रह जाता है तो उसे ही अध्यक्ष मान लिया जाता है.
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