डीएनए हिंदी: कांग्रेस (Congress) की पूरी राजनीति गांधी परिवार के इर्द-गिर्द घूम रही है. गांधी परिवार के मोह से न तो कांग्रेस निकल पा रही है, न ही उनके समानांतर किसी नेता को स्थापित कर पा रही है. कांग्रेस के ऐसे नेता जिनमें अध्यक्ष बनने की महत्वाकांक्षा नजर आ रही है, उन्हें दरकिनार कर दिया जा रहा है. पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज च्हावण के साथ कुछ ऐसा ही हुआ है. कांग्रेस की प्रांतीय इकाइयां भी गांधी परिवार से इतर किसी नेता को स्वीकार नहीं कर पा रही हैं. यही वजह है कि एक के बाद एक स्टेट यूनिट राहुल गांधी को ही अध्यक्ष बनाने के लिए प्रस्ताव पारित कर रही हैं.
राजस्थान, गुजरात और छत्तीसगढ़ के बाद अब महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस समिति (MPCC) ने भी एक प्रस्ताव पारित कर राहुल गांधी को पार्टी अध्यक्ष बनाने की मांग की है. यह प्रस्ताव ऐसे समय पर पारित किया गया है जब कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए कुछ दिनों में अधिसूचना जारी होने वाली है. राहुल गांधी जहां भारत जोड़ो यात्रा को लेकर चर्चा में हैं वहीं उन्हें अध्यक्ष बनाने के लिए कांग्रेस की राज्य इकाइयों ने प्रस्ताव भी पारित किए हैं.
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महाराष्ट्र को भी पसंद राहुल गांधी
दक्षिण मुंबई के वाईबी चव्हाण केंद्र में एमपीसीसी के 553 प्रतिनिधियों की हुई बैठक में राहुल गांधी को अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव पारित किया. राजस्थान और छत्तीसगढ़ की कांग्रेस इकाइयों ने भी राहुल गांधी को पार्टी अध्यक्ष बनाने के लिए प्रस्ताव पारित किया है. कांग्रेस की केवल इन दो राज्यों में ही अपने बल पर सरकार है.
गुजरात में भी राहुल गांधी को अध्यक्ष बनाने की कवायद शुरू
कांग्रेस की गुजरात इकाई ने भी रविवार को राहुल गांधी को अध्यक्ष बनाने की मांग की. पार्टी की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक, महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस समिति की बैठक में प्रस्ताव राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने पेश किया जिसका अनुमोदन नसीम खान और चंद्रकांत हनडोरे सहित कई वरिष्ठ नेताओं ने किया और प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया.
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महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने एक प्रस्ताव पेश किया जिसमें कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष को राज्य इकाई के अध्यक्ष, पदाधिकारियों और अखिल भारतीय कांग्रेस समिति (AICC) के प्रतिनिधियों को नियुक्त करने के लिए अधिकृत करने का प्रावधान है. इस प्रस्ताव का कांग्रेस विधायक दल के नेता बालासाहेब थोराट ने अनुमोदन किया और सर्वसम्मति से इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई. यह बैठक संगठन चुनाव के लिए नियुक्त राज्य पीठासीन अधिकारी पल्लम राजू, राज्य में पार्टी प्रभारी एचके पाटिल, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण, पृथ्वीराज चव्हाण और पटोले की मौजूदगी में हुई.
क्या विकल्पहीन हो गई है कांग्रेस?
कांग्रेस मतलब गांधी परिवार.कांग्रेस विरोधी गुट इसी स्लोगन का इस्तेमाल कांग्रेस के खिलाफ करते हैं. कांग्रेस की आंतरिक स्थिति को देखें तो यही नजर भी आता है. कांग्रेस की सबसे बड़ी नेता हैं सोनिया गांधी. दूसरे नंबर पर हैं राहुल गांधी और तीसरे नंबर पर हैं प्रियंका गांधी. पार्टी के हर बड़े फैसले के पीछे इन्हीं का हाथ होता है. अगर राहुल गांधी की जगह पार्टी का कोई दूसरा नेता भारत जोड़ो यात्रा निकालता तो उसकी चर्चा तक नहीं होती.
शशि थरूर से लेकर सचिन पायलट तक ऐसे चेहरे जिनकी महत्वाकांक्षा राष्ट्रीय फलक पर आने की है, उनकी भूमिकाओं को सीमित कर दिया गया है. अशोक गहलोत गांधी परिवार के करीबी हैं इसलिए उन्हें राजस्थान की सत्ता संभालने दी जा रही है. कांग्रेस के कई दिग्गज इसी परिवारवाद की वजह से साथ छोड़कर जा चुके हैं. इन नेताओं में ज्योतिरादित्य सिंधिया से लेकर गुलाम नबी आजाद तक का नाम शामिल है.ऐसा लगता है कि कांग्रेस का सुरक्षित ठिकाना सिर्फ गांधी परिवार ही है और राहुल गांधी की ताजपोशी ही पार्टी नेताओं का इकलौता मकसद.
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क्या है कांग्रेस का अध्यक्ष पद के लिए शेड्यूल?
कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए अधिसूचना 22 सितंबर को जारी की जाएगी और नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया 24 से 30 सितंबर तक चलेगी. नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि आठ अक्टूबर है. एक से अधिक उम्मीदवार होने पर 17 अक्टूबर को मतदान होगा और नतीजे 19 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे.
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