डीएनए हिंदी: दिल्ली में अधिकारियों की ट्रांसफर पोस्टिंग पर नियमों को लेकर केंद्र सरकार एक अध्यादेश लेकर आई है. इस अध्यादेश को राज्यसभा में हराने के लिए अरविंद केजरीवाल विपक्षी पार्टियों के नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं. इसी को लेकर उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी से मुलाकात का समय मांगा है. अब अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी को समर्थन के सवाल पर कांग्रेस की दिल्ली और पंजाब इकाइयों के नेताओं ने ही विरोध के स्वर उठाने शुरू कर दिए हैं.
यह तो सब को पता है कि AAP ने दो जगहों पर सरकार बनाई है और दोनों जगह उसने कांग्रेस को ही हराया है. इसके अलावा, गुजरात और गोवा जैसे राज्यों में भी वह कांग्रेस की जगह लेने को तैयार है. कई बार अरविंद केजरीवाल खुद मंचों से अपील कर चुके हैं कि कांग्रेस को वोट देने का मतलब बीजेपी को वोट देना है, इसलिए आम आदमी पार्टी को वोट दें.
यह भी पढ़ें- कर्नाटक सरकार में हुआ पोर्टफोलियो का बंटवारा, जानिए किस मंत्री को कौनसा मंत्रालय मिला
दिल्ली और पंजाब कांग्रेस के नेताओं ने जताया गुस्सा
कांग्रेस की पंजाब इकाई ने शीर्ष नेतृत्व से अपील की है कि कोई भी फैसला लेने से पहले राज्य के नेताओं से बातचीत की जाए. इसी के चलते कांग्रेस के पंजाब प्रदेश अध्यक्ष राजा अमरिंदर सिंह वडिंग, प्रताप सिंह बाजवा और सुखजिंदर सिंह रंधावा जैसे नेताओं को दिल्ली बुलाया गया है. इनके अलावा, कांग्रेस नेता अजय माकन और संदीप दीक्षित ने भी AAP को समर्थन के मुद्दे पर सवाल उठाए हैं.
यह भी पढ़ें- 2024 से पहले विपक्ष का शक्ति प्रदर्शन, पटना में 12 जून को BJP को मात देने पर बनेगी रणनीति
कहा जा रहा है कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी इन नेताओं से मुलाकात करके मुद्दे पर चर्चा कर सकते हैं. कांग्रेस के कई नेताओं का कहना है कि AAP पंजाब और दिल्ली में कांग्रेस को खत्म करना चाहती है. उनका कहना है कि राहुल गांधी और खड़गे को चाहिए कि वह अरविंद केजरीवाल से मिलने का समय न दें क्योंकि पंजाब में कांग्रेस के लिए यह कदम ठीक नहीं होगा.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.