पश्चिम बंगाल पर भाजपा की पकड़ दिन ब दिन और साल दर साल कसती जा रही है. 2009 में एक 2014 के चुनाव में दो और 2019 के चुनाव में सीधा 18 सीटें. गुरुवार 4 अप्रैल को देश के पीएम और राज्य की सीएम ने रैली की और इस दौरान खूब आरोप प्रत्यारोप का दौर भी चला. 42 लोकसभा सीट वाले बंगाल में कूच बिहार एक हॉट सीट है. इस चुनाव में यहां कड़ा मुकाबला देखने को मिल सकता है. कूच बिहार लोकसभा सीट पर भी कड़ा मुकाबला होने की उम्मीद है. 2019 के चुनाव में राजनीति के जानकारों को भाजपा ने जबरदस्त चौंकाया था अब जिस तरह से विधानसभा चुनाव में भाजपा का प्रदर्शन रहा है उसके बाद यहां चमत्कार की बात की जा रही है. बता दें कि इस सीट पर बीजेपी ने जहां मौजूदा सांसद एवं केंद्रीय मंत्री निसिथ प्रमाणिक को ही मैदान में उतारा है, वहीं TMC ने जगदीश चन्द्र बसुनिया और AIFB ने नीतीश चंद्र रॉय पर दांव खेल रहे हैं.
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दिलचस्प रहा है कूच बिहार की लोकसभा सीट का इतिहास
कूच बिहार की चुनावी रैली के दौरान जिस तरह से पहले कांग्रेस का कब्जा था. हालांकि इस सीट पर शुरुआती चुनावों मे कांग्रेस और ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक का ही कब्जा रहा. 1967 में AIFB का कब्जा किया तो 1971 में फिर इसपर कांग्रेस ने हथिया लिया. हालांकि 1977 से लेकर 2014 तक इस सीट पर सिर्फ AIFB ही अपना अधिकार जमाए रही. फिर 2014 में तृणमूल कांग्रेस की उम्मीदवार रेणुका सिन्हा ने AIFB के कैंडिडेट को हराया, फिलहाल इस सीट पर बीजेपी के केंद्रीय मंत्री निसिथ प्रमाणिक सांसद हैं.
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BJP ने लगाई TMC और लेफ्ट के गढ़ में सेंध
AIFB, कांग्रेस और टीएमसी के बीच झूल रही कूच बिहार सीट पर 2019 में बीजेपी ने चौंकाया. 2019 में बीजेपी के निसिथ जब वो महज 35 साल के थे तभी उन्हें केंद्र में गृह राज्य मंत्री बनाया गया. इसके साथ ही वह खेल मंत्रालय का काम भी देखते रहे. हालांकि जिस तरह से बीजेपी ने एकबार फिर निसिथ पर दांव लगाया है उम्मीद की जा रही है कि वह 24 में भी अपना जलवा दिखाएंगें.
वैसे तृणमूल ने जहां कई सिटिंग सांसदों की सीट काट दी है वहीं कूच बिहार की सीट पर सीताई के विधायक जगदीश चंद्र बसुनिया को निसिथ के सामने उतारा है. टीएमसी को उम्मीद होगी कि शायद ग्रामीण पृष्ठ वाले ये नेता जनाधार बढ़ाएंगे. बसुनिया ने बीजेपी के उम्मीदवार दीपक कुमार रॉय को विधानसभा चुनाव में 10 हजार से ज्यादा मतों के अंतर से हराया था. ऐसा माना जा रहा है कि बिसुनिया और निसिथ के बीच इस बार कांटे की टक्कर हो सकती है.
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AIFB के लौटेंगे पुराने दिन
ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक ने इस सीट से सियासी मैदान में नीतीश चंद्र रॉय को उतारा है. पार्टी को उम्मीद होगी की दो की लड़ाई में शायद तीसरी पार्टी का भाग्य खुल जाए. लेकिन किसी भी प्रत्याशी के लिए 2024 का चुनाव आसान नहीं है. 42 लोकसभा सीटों वाली पश्चिम बंगाल में 18 सीटें जीतकर 2019 ने सभी को चौंका दिया था. इस चुनाव में टीएमसी को 22 और कांग्रेस को 2 सीटें मिली थीं. 2024 के लोकसभा चुनावों में मतदान 7 चरणों में 19 अप्रैल को शुरू होगा और 1 जून को खत्म होगा जबकि मतगणना 4 जून को होगी. कूच बिहार की सीट पर पहले चरण में 19 अप्रैल को मतदान होगा.
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