डीएनए हिंदी: चीन में कोरोना की बढ़ती रफ्तार, बीएफ.7 वैरिएंट और लगातार मौतों ने दुनिया को डरा दिया है. चीन से भारत आए कुछ लोगों को कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद तो हड़कंप ही मच गया. कई देशों से भारत आने वाले लोगों के लिए आरटी-पीसीआर टेस्ट अनिवार्य कर दिया गया है. इन टेस्ट के बाद जो रिपोर्ट आई है उसने भारत को थोड़ी राहत की सांस लेने का मौका दिया है. आंकड़ों के मुताबिक, अभी तक जितने लोगों का टेस्ट किया गया है उसमें से एक प्रतिशत से भी कम लोग कोरोना संक्रमित पाए गए हैं.
देश के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों पर रैंडम सैंपलिंग की जा रही है. सूत्रों के मुताबिक, अभी तक इस तरह के लगभग 5,666 लोगों का टेस्ट लेकर उनके सैंपल इकट्ठा किए गए हैं. इनमें से सिर्फ़ 53 यात्री ऐसे थे जो कोरोना संक्रमित पाए गए. यानी यह संख्या 0.94 प्रतिशत ही है. यह राहत की खबर है क्योंकि चीन में कोरोना की रफ्तार देखते हुए भारत में भी संक्रमण की आशंका जताई जा रही थी.
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कोविड पर हुई हाई लेवल मीटिंग
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रमुख सचिव डॉ. पी के मिश्रा ने शनिवार को वरिष्ठ अधिकारियों और विशेषज्ञों के साथ एक हाई लेवल मीटिंग की. डॉ. पी के मिश्रा ने कोरोना वायरस संक्रमण के हालात जाने और इस बात की भी समीक्षा की है कि पीएम मोदी की ओर से दिए गए निर्देशों का कितना पालन हो रहा है. पीएम मोदी ने कोविड के प्रभावी मैनेजमेंट और तैयारियों के लिए कुछ दिन पहले ही निर्देश दिए थे.
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इसी मीटिंग में बताया गया कि दिसंबर 2022 में लगभग 500 ऐसे सैंपल इकट्ठा किए गए हैं जिन्हें देशभर में मौजूद INSACOG लैबों में जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजा गया है. आपको बता दें कि ये लैब देश भर में मौजूद हैं और ये वायरस के नए वैरिएंट, उनके खतरे और उनसे बचाव के तरीके खोजने का काम करती हैं.
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