डीएनए हिंदी: कोरोना वायरस का खतरा अभी खत्म नहीं हुआ है. इसके नए-नए वेरिएंट सामने आ रहे हैं. अब कोविड का एक नए वेरिएंट ERIS ने दस्तक दी है. दुनिया के कई देशों में इसके मामले बढ़ते जा रहे हैं. इस वेरिएंट को कोरोना के दूसरे सभी वैरिएंट से कहीं ज्यादा घातक बताया जा रहा है. डब्ल्यूएचओ की मानें तो यह वेरिएंट बहुत भयानक रूप ले सकता है. WHO ने सभी देशों से इससे सावधानी बरतने के लिए चेतावनी जारी की है.
एरिस वेरिएंट को पहली बार जुलाई 2023 में पहचाना गया था. यहा ब्रिटेन में फैलने वाला सबसे खतरनाक कोविए वेरिएंट है. ERIS को उत्तरी अमेरिका, एशिया के कई देशों में फैलते हुए देखा जा रहा है. जापान में इस वैरिएंट की वजह से कोरोना की नौवीं लहर आने की चिंता जताई गई है. EG.5 का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है. यह ओमिक्रॉन से उत्पन्न वेरियंट एक सबवेरिएंट बताया जा रहा है.
20 फीसदी से ज्यादा तेजी से फैलता है ये वेरिएंट
EG.5 वेरिएंट अन्य के मुकाबले 20.5% फीसदी तेजी से बढ़ता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने वैश्विक चिंता का संकेत देते हुए इसे मॉनिटर किए जाने वाले कोरोना वेरिएंट की सूची में जोड़ दिया है.
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भारत को भी हो सकता है खतरा
भारत में एरिस सबवेरिएंट का पहला मामला मई 2023 में पाया गया था. हालांकि पिछले 3 महीने में इसके संक्रमितों की संख्या में चिंताजनक इजाफा नहीं हुआ है. लेकिन स्वाथ्य मंत्रालय इस पर नजर रख रहा है. जानकारों की मानें तो यह वेरिएंट इतना खतरनाक है कि आगे मुश्किलें बढ़ा सकता है. देश में कोरोना वायरस संक्रमण के 51 नए मामले सामने आए हैं और उपचाराधीन मरीजों की कुल संख्या अब 1,468 है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अद्यतन आंकड़ों के मुताबिक, कोरोना वायरस संक्रमण से अब तक 5,31,925 मरीजों की मौत हो चुकी है. मंत्रालय की वेबसाइट के मुताबिक, अब तक संक्रमण के 4.49 करोड़ मामले सामने आए हैं, जिनमें से 4,44,63,206 लोग इससे उबर चुके हैं. संक्रमण से उबरने की राष्ट्रीय दर 98.81 प्रतिशत और मृत्यु दर 1.18 प्रतिशत है. वेबसाइट के मुताबिक, देश में अब तक कोविड रोधी टीके की 220.67 करोड़ खुराक दी जा चुकी हैं.
WHO ने क्या कहा
डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉ टेड्रोस अधानोमा ने कहा कि वैसे तो दुनिया में कोविड 19 की इमरजेंसी नहीं है, लेकिन इसके वैरिएंट खतरे के रूप में उभर रहे हैं. यह आज भी दुनिया के लिए खतरा साबित हो सकता है. कोरोना के नए वैरिएंट को ट्रैक कर जांच की जा रही है. डब्ल्यूएचओ चीफ ने 20 में स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ चली बैठक में इस मुद्दे को उठाया था. उन्होंने कहा कि इस पर तेजी से काम करें ताकि विश्व स्वास्थ्य सभा में इसे स्वीकृत किया जा सके.
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