डीएनए हिंदी: देश में कोरोना के बढ़ते मामले एक बार फिर डराने लगे हैं. पिछले 24 घंटे में देश में कोविड-19 (Corona Cases In India) के 1,590 नए मामले सामने आए जो पिछले 146 दिन में सबसे अधिक हैं. जिसकी वजह से भारत में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या बढ़कर 8,601 हो गई है. स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, कोरोना वायरस से पिछले 24 घंटों में 6 लोगों की मौत हो गई. इनमें महाराष्ट्र में तीन और कर्नाटक, राजस्थान और उत्तराखंड से एक-एक मरीज की मौत होने के बाद मृतक संख्या बढ़कर 5,30,824 हो गई है.
आंकड़ों के अनुसार, संक्रमण की डेली रिकवरी रेट 1.33 प्रतिशत दर्ज की गई, जबकि वीकली संक्रमण दर 1.23 प्रतिशत दर्ज की गई. इसके साथ ही भारत में कोविड-19 के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 4,47,02,257 हो गई है. उपचाराधीन मरीजों की संख्या संक्रमण के कुल मामलों का 0.02 प्रतिशत है जबकि कोविड-19 से स्वस्थ होने वाले लोगों की दर 98.79 प्रतिशत दर्ज की गई.
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स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट के अनुसार, संक्रमण से ठीक होने वालों की संख्या बढ़कर 4,41,62,832 हो गई है जबकि मृत्यु दर 1.19 फीसद दर्ज की गई. देशव्यापी कोविड-19 रोधी टीकाकरण अभियान के तहत अभी तक 220.65 करोड़ खुराकें दी जा चुकी हैं.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बचाव के लिए जारी की गाइडलाइंस
- स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि बीमार और बुजुर्ग लोगों को भीड़भाड़ वाली जगह पर जाने से बचना चाहिए.
- खराब हवा वाली जगह से बचें और मास्क अवश्य पहनें
- छींकते या खांसते समय नाक और मुंह को ढकने के लिए रूमाल या टिश्यू का इस्तेमाल अवश्य करें.
- अस्पताल, मेडिकल स्टोर समेत स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं में ड्यूटी करने वाले लोग मास्क जरूर पहनें. साथ ही मरीजों और उनके परिजनों को भी मास्क लगाने के लिए कहें.
- हाथों को साफ रखने के लिए बार-बार धोते रहें.
- सार्वजनिक स्थानों पर थूकने से परहेज करें.
- सांस की बीमारी से पीड़ित लोगों को अधिक सावधानी बरतने की आवश्यकता है. वह मिलना जुलना भी कम ही रखें.
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टीकाकरण से कोरोना का खतरा हो जाता है आधा
कोविड-19 रोधी टीका लगवाने से किसी व्यक्ति में कोरोना वायरस संक्रमण लंबे समय तक बरकरार रहने का खतरा आधा हो जाता है. एक अध्ययन में यह बात सामने आई है. ‘जेएएमए इंटरनल मेडिसिन’ की रिपोर्ट के मुताबिक, कोविड-19 के दीर्घकालिक लक्षण पैदा होने के जोखिमों को उजागर किया गया है. 8,60,000 से अधिक लोगों पर किए गए अध्ययन में यह भी पता चला है कि अधिक वजन वाले लोगों, महिलाओं, धूम्रपान करने वाले व्यक्तियों और 40 वर्ष या उससे अधिक आयु के लोगों के लंबे समय तक कोविड से ग्रस्त रहने की आशंका रहती है. उन्होंने कोविड होने के कारणों का पता लगाने के लिए दुनिया भर में 860,783 पर हुए 41 अध्ययनों के डेटा को देखा. अध्ययनकर्ताओं ने पाया कि जिन लोगों को टीका नहीं लगा था, उनकी तुलना में टीका लगवा चुके लोगों के दीर्घकालिक कोविड की चपेट में आने का लगभग आधा जोखिम था
ब्रिटेन में ईस्ट एंगलिया यूनिवर्सिटी (यूईए) के अध्ययनकर्ताओं ने पाया कि अस्थमा, सीओपीडी, टाइप 2 मधुमेह, हृदयरोग और अवसाद के कारण भी कोरोना संक्रमण लंबे समय तक टिके रह सकता है. गंभीर कोरोना संक्रमण के दौरान अस्पताल में रहने वाले रोगी भी लंबे समय तक कोविड-19 का शिकार बन सकते हैं. UEA के प्रोफेसर वैसिलिओस वैसिलिओयू और नॉर्विक यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल ने कहा, “दीर्घकालिक कोविड एक जटिल स्थिति है, जो कोविड होने के दौरान या उसके बाद विकसित होती है और इसे तब वर्गीकृत किया जाता है, जब लक्षण 12 सप्ताह से अधिक समय तक जारी रहते हैं. वैसिलिओयू ने कहा कि सांस फूलना, खांसी, दिल की धड़कन तेज होना, सिरदर्द, और अत्यधिक थकान सबसे प्रचलित लक्षणों में से हैं. अन्य लक्षणों में सीने में दर्द या जकड़न, दिमाग का ठीक से काम नहीं करना, अनिद्रा, चक्कर आना, जोड़ों में दर्द, अवसाद और चिंता, कानों में झनझनाहट, भूख न लगना आदि शामिल हो सकते हैं.
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