लोकसभा चुनाव से पहले बृजभूषण शरण सिंह की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. यौन उत्पीड़न के मामले में दिल्ली की राउज एवन्यू कोर्ट ने आरोप तय करने पर अपना फैसला 18 अप्रैल तक सुरक्षित रख लिया है. बीजेपी नेता के खिलाफ कई नाबालिग महिला पहलवानों ने यौन शोषण का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज कराया था. हालांकि बृजभूषण ने अपने ऊपर लगे आरोपों से इनकार किया था.
बृजभूषण सिंह के खिलाफ महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के आरोप तय करने पर सभी पक्षों की दलील पूरी हो चुकी हैं. राउज एवन्यू कोर्ट ने इस मामले में कुछ बिंदुओं पर स्पष्टीकरण मांगा था. जिसे कोर्ट में समिट कर दिया गया है.
इस मामले में बृजभूषण सिंह के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर पहलवानों ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर एक महीने तक धरना प्रदर्शन किया था. उनके विरोध के बाद दिल्ली पुलिस ने बीजेपी सांसद के खिलाफ FIR दर्ज की थी. हालांकि, उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया था.
किन-किन धाराओं में दर्ज हुआ केस
दिल्ली पुलिस ने 15 जून 2023 को पूर्व WFI प्रमुख के खिलाफ यौन उत्पीड़न मामले में धारा 354, 354-ए (यौन उत्पीड़न) और 354 समेत कई धाराओं के तहत आरोप पत्र दायर किया था. पुलिस ने उनके खिलाप लगे पॉक्सो एक्ट को हटा दिया था. पुलिस ने दावा किया कि राजनेता ने कई मौकों पर महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न किया.
वहीं, इस मामले में दिल्ली पुलिस की ओर से एक क्लोजर रिपोर्ट भी दायर की गई है. रिपोर्ट में एक नाबालिग पहलवान के पिता ने दावा किया है कि उसने अपने साथ हुए कथित अन्याय को लेकर बृजभूषण के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी. उसकी बेटी के साथ कोई यौन शोषण नहीं हुआ. पुलिस ने 1100 से 1200 पन्नों की चार्जशीट में कोर्ट को बताया कि महिला पहलवान इस केस में कोई पर्याप्त सबूत नहीं दे पाईं.
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