डीएनए हिंदी: पूरी दुनिया में एक बार फिर वैश्विक महामारी कोरोनावायरस (Coronavirus) का नया वेरिएंट बीएफ.7 (BF.7 Variant) जिंदगी और मौत की तबाही मचाने लगा है. चीन में तो हालात हद से ज्यादा खराब हैं जिसके चलते वहां आर्थिक गतिविधियां तक बंद हैं. ऐसे में भारत भी कोरोना के इस नए वेरिएंट को लेकर कमर कस चुका है. सवाल यह है कि क्या एक बार फिर कोरोना को देखते हुए लॉकडाउन लगाने की आवश्यकता है? इसको लेकर एम्स के पूर्व डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने जवाब दिया है और लोगों को ज्यादा सतर्क रहने की सलाह दी है.
दरअसल, कोरोना को लेकर विशेषज्ञों का कहना है कि भारत को इससे ज्यादा भयभीत होने की आवश्यकता ही नहीं है. दिल्ली के AIIMS के पूर्व चीफ डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि भारतीय लोगों में 'हाइब्रिड इम्युनिटी' (hybrid immunity) देखी जा रही है, ऐसे में अगर यहां संक्रमण बढ़ता भी है तो भी गंभीर मामले या रोगियों के अस्पतालों में भर्ती होने की जरूरत नहीं होनी चाहिए और वे आसानी से घर में ही ठीक हो जाएंगे.
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क्या देश में लगना चाहिए लॉकडाउन
नए कोरोना वेरिएंट को लेकर डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि सभी लोगों को बचाव के उपायों का लगातार पालन करते रहने की जरूरत है. थोड़ी सी सावधानी बरतकर हम संक्रमण की एक और लहर के जोखिम को कम कर सकते हैं. फिलहाल अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को प्रतिबंधित (ban international flights) करने या लॉकडाउन (lockdown) लगाने जैसी जरूरत नजर नहीं आती है. हालांकि उन्होंने यह कहा है कि जहां इस वेरिएंट का प्रभाव ज्यादा है, वहां से आने वाले लोगों के लिए आरटीपीसीआर टेस्ट अनिवार्य होना चाहिए.
डॉ. गुलेरिया ने चीन में वेरिएंट के प्रभावों और अपने पहले के अनुभव के आधार पर कहा कि संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए उड़ानों पर पाबंदी लगाना प्रभावी नहीं है. उन्होंने कहा कि आंकड़े दिखाते हैं कि चीन में संक्रमण के तेजी से फैलने के लिए जिम्मेदार ओमीक्रोन का बीएफ.7 उपस्वरूप हमारे देश में पहले ही पाया जा चुका है लेकिन उससे ज्यादा कुछ फर्क नहीं पड़ा और लोग आसानी से ठीक भी हो रहे हैं.
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सरकार ने लिए बड़े फैसले
बता दें कि केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के स्वास्थ्य सचिवों को 27 दिसंबर को देश भर में कोविड-19 की सभी स्वास्थ्य सुविधाओं में मॉक ड्रिल आयोजित करने के संबंध में लिखा है जिससे किसी भी आपातकालीन परिस्थिति से निपटा जा सके.
पिछली बार की तरह ही इस बार ऑक्सीजन सप्लाई में कमी न हो, उसको लेकर केंद्र की मोदी सरकार ने खास कदम उठाए हैं. इसके अलावा सरकार ने यह ऐलान भी कर दिया है कि चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, हांकांग और बैंकॉक से आने वाले यात्रियों का RT-PCR टेस्ट अनिवार्य होगा. इतना ही नहीं, कोरोना लक्षण मिलने पर यात्री को क्वारंटाइन भी किया जाएगा.
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