डीएनए हिंदी: चीन (China) में कोविड (Covid-19) के मामले बेहद तेजी से बढ़े हैं. भारत चीन का पड़ोसी देश है, इसलिए यहां भी असर होना तय है. लगातार बढ़ते कोविड के मामलों के बीच स्थिति बिगड़ने पर भारत कोविड चुनौती से निपटने के लिए तैयार है. प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने गुरुवार को एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक बुलाई जिसमें स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों ने भाग लिया. बैठक के दौरान, अधिकारियों ने पीएम को देश में कोविड-19 मामलों की वर्तमान स्थिति के बारे में जानकारी दी.
भारत 0.14 प्रतिशत की पॉजिटिव रेट के साथ प्रतिदिन 153 कोविड-19 मामले दर्ज कर रहा है. बीते 6 हफ्तों से दुनिया में हर दिन औसतन 5 लाख 90 हजार केस आ रहे हैं. पीएम मोदी ने अधिकारियों से ऑक्सीजन सिलेंडर, वेंटिलेटर और स्टाफ सहित अस्पताल के बुनियादी ढांचे की तैयारी करने के लिए कोविड स्पेशल सर्विसेज को ऑडिट करने का आदेश दिया है. आइए जानते हैं भारत में यह चुनौती कितनी बड़ी है.
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भारत के लिए कितना खतरनाक है BF.7?
Omicron का BF.7 वेरिएंट चीन में सबसे बड़ा खतरा बना हुआ है. कोरोना वायरस (Coronavirus)लगातारा म्युटेट हो रहा है. हर बार अलग-अलग वेरिएंट सामने आ रहे हैं. कोरोना संक्रमण फैलाने वाले असली वायरस को SARS-CoV-2 कहा जाता है. भारत की नेचुरल इम्युनिटी बेहद मजबूत है. अब लोगों में मल्टीलेयर्ड इम्युनिटी तैयार हो चुकी है. हर्ड इम्युनिटी भी बन गई है. वैक्सीनेशन का डबल डोज भी अधिकांश आबादी को मिल चुका है. इसलिए यह वायरस चीन जितनी तबाही कभी नहीं मचा पाएगा. भारत में यह वायरस दम तोड़ेगा.
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अब तक कितने तरह के सामने आ चुके हैं कोविड वेरिएंट?
कोरोना वायरस में कई बदलाव हुए और इसके कई अलग-अलग वेरिएंट आए. दुनिया भर में इस वायरस के सात प्रकार पाए गए हैं. इन सात में अल्फा, बीटा, गामा, डेल्टा, ओमिक्रोन, लैम्ब्डा और म्यू शामिल हैं. पूरी दुनिया में इन वेरिएंट के सब-वेरिएंट लोगों को संक्रमित कर रहे हैं.
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भारत में कमजोर क्यों पड़ेगा BF.7?
BF.7 वैरिएंट अक्टूबर 2022 से भारत में मौजूद है. भारत में Covid-19 के Omicron वेरिएंट से संक्रमित लोगों की संख्या ज्यादा है. CSIR के चीफ साइंटिस्ट डॉ. राजेश पाण्डेय ने कहा, 'बड़ी आबादी को पहले से ही टीका लग जाने के कारण बी.7 भारत में खतरनाक साबित नहीं हुआ.' यही वजह है कि भारत में BF.7 से डरने की जरूरत नहीं है लेकिन सावधानी बरतकर हम महामारी को फैलने से रोक सकते हैं. मास्क, टेस्टिंग, ट्रैकिंग, जीनोम सीक्वेंसिंग और कोविड एप्रोप्रिएट बिहैवियर अपनाने की जरूरत है, जिसके बारे में सरकार एडवाइजरी जारी कर रही है.
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