Covid: दवा कंपनी ने Dolo-650 के सुझाव के लिए डॉक्टरों को दिए 1,000 करोड़ रुपये के गिफ्ट, Supreme Court ने जताई हैरानी

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Aug 18, 2022, 10:45 PM IST

सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में डोलो के इस्तेमाल पर सवाल उठाए गए हैं जिसको लेकर कोर्ट ने भी हैरानी जताई है और केंद्र सरकार से भी इस केस में जवाब मांगा है.

डीएनए हिंदी: कोविड महामारी (Covid) के बीच लोकप्रिय हुई Dolo 650 की बिक्री बढ़ाने के लिए कंपनी की ओर से डॉक्टरों को 1,000 करोड़ से ज़्यादा के गिफ्ट बाटें गए ताकि वो इलाज के लिए मरीजों के पर्चे पर ही इसी दवा का नाम लिखे थे. सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील ने ये दावा किया है.

याचिकाकर्ता फेडरेशन ऑफ मेडिकल एंड सेल्स रिप्रेजेंटेटिव एसोसिएशन की ओर से वकील सजंय पारिख ने यह जानकारी कोर्ट को दी. संजय पारिख ने सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स (CBDT) की रिपोर्ट का हवाला दिया. पारिख ने कहा कि बुखार के मरीज़ों के इलाज के लिए डोलो- 650 के नाम को सुझाने के लिए एक हज़ार करोड़ से ज़्यादा के गिफ्ट डॉक्टरों को दिए गए थे. 

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सुप्रीम कोर्ट ने जताई हैरानी

वकील की ओर से किए गए इस दावे ने मामले की सुनवाई कर रहे जस्टिस चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच को भी सकते में डाल दिया गया है. जस्टिस चंद्रचूड़ ने वकील संजय पारिख से कहा, "जो आप कह रहे है, वो मुझे सुनने में अच्छा नहीं लग रहा. ये वही दवाई है जिसका कोविड के दौरान मैंने ख़ुद इस्तेमाल किया. मुझे भी इसका इस्तेमाल करने के लिए बोला गया था. ये वाकई गम्भीर मसला है."

कोर्ट में दायर याचिका में क्या है मांग

सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में मांग की गई है कि दवाओं की बिक्री को बढ़ावा देने के लिए डॉक्टरों को तोहफे देने वाली दवा कंपनियों की जवाबदेही भी सुनिश्चित की जानी चाहिए. फेडरेशन ऑफ मेडिकल एंड सेल्स रिप्रेजेंटेटिव एसोसिएशन की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि इस तरह के मामलों में रिश्वत के लिए डॉक्टरों पर तो केस चलता है, पर दवा कंपनियां बच जाती है. 

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इस याचिका में कहा गया है कि फार्मास्यूटिकल मार्केटिंग प्रैक्टिसेज के लिए यूनिफॉर्म कोड (UCPMP) बनाए जाने की ज़रूरत है. इसके ना होने के चलते मरीज़ों को ब्रांडेड कंपनियों की बहुत ज़्यादा क़ीमत वाली दवाई खरीदनी पड़ती है क्योंकि अक्सर उनका इलाज करने वाले डॉक्टर महंगे गिफ्ट के लालच में मरीजों को वहीं दवाई पर्चे पर लिखते है.

केंद्र सरकार से मांगा जवाब

इस मामले में सुनवाई के दौरान केन्द्र सरकार की ओर से ASG के एम नटराज पेश हुए है. कोर्ट ने याचिका में रखी गई मांगों पर केंद्र सरकार को एक हफ्ते में जवाब दाखिल करने को कहा है. इस मामले की सुनवाई 10 दिनों के बाद हो सकती है.

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