डीएनए हिंदी: दिल्ली एम्स के सर्वर पर हुए साइबर हमले (Delhi AIIMS Cyber Attack) के आरोपी अभी पकड़ में नहीं आए हैं. अब कुछ ही हफ्ते के अंदर साइबर आतंकियों ने हेल्थ सिस्टम से जुड़े एक और अहम पोर्टल पर अटैक कर दिया है. डार्कवेब पर एक ईरानी हैकर ने पोस्ट करके दावा किया है कि उसके पास COWIN प्लेटफॉर्म का Admin Access यानी Username और पासवर्ड है. इस महिला हैकर ने अपनी पोस्ट में कहा है कि उसने कोविन प्लेटफॉर्म पर मौजूद हेल्थकेयर वर्कर्स का सेंसटिव डेटा कब्जा लिया है, जिसे वो बेचना चाहती है. COWIN प्लेटफॉर्म पर देश के करीब 110 करोड़ लोगों का निजी डाटा मौजूद है, जो हैकर का दावा सही होने की स्थिति में खतरे में पड़ गया है. साथ ही इस दावे के बाद देश में पब्लिक पोर्टलों पर आम जनता के सेंसटिव डाटा की सेफ्टी को लेकर भी नए सवाल खड़े हो गए हैं.
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हैकर ने शेयर किया है पोर्टल एक्सेस का स्क्रीनशॉट
ईरानी हैकर ने डार्कवेब पर की गई पोस्ट में महज दावा ही नहीं किया है, बल्कि उसने Cowin प्लेटफॉर्म को access करने का एक स्क्रीनशॉट भी शेयर किए हैं. इस स्क्रीनशॉट कई हेल्थ वर्कर्स के मोबाइल नंबर समेत तमाम पर्सनल डाटा दिख रहा है. हैकर ने एक अन्य स्क्रीनशॉट में Cowin प्लेटफार्म पर मौजूद वैक्सीनेशन सेंटर्स की जानकारी शेयर की है. हैकर ने दावा किया है कि ये दोनों स्क्रीनशॉट्स COWIN प्लेटफार्म के एडमिन पेज के हैं, जिसका कंट्रोल उसके पास है.
Zee News की रिपोर्ट के मुताबिक, इस हैकर का नाम नज़ीला ब्लैकहैट है और ये ईरान के APT ग्रुप Shield Iran Security Team की सदस्य है, जिससे विश्व भर की कई सरकारें परेशान हैं. COWIN पोर्टल पर हमला करने वाली इस ईरानी हैकर ने डार्कवेब पर अपना टेलीग्राम यूज़रनेम भी शेयर किया और लिखा कि जो व्यक्ति COWIN पोर्टल का एक्सेस खरीदना चाहता है, वो टेलीग्राम चैट पर उससे कांटेक्ट कर सकता है.
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चैट करने पर दिए हैकर ने सेंसटिव डाटा
मामले की और खोजबीन करने के लिए जी न्यूज टीम ने टेलीग्राम मैसेंजर पर इस हैकर से बात की. इसके बाद उसने अपने दावे की पुष्टि के लिए पहले कुछ स्क्रीनशॉट शेयर किए. इन स्क्रीनशॉट में यह साफ दिख रहा था कि यह हैकर बेंगलुरु के एक स्वास्थ्यकर्मी के यूजर एकाउंट से admin.cowin.gov.in वेबसाइट को access कर रही थी. इस हैकर ने बताया कि COWIN प्लेटफॉर्म का Admin access वो 300 डॉलर यानी लगभग 25 हजार रुपये में बेचेगी. हैकर को Cowin प्लेटफॉर्म का admin access कैसे मिल गया, जब इस बारे में उससे पूछा गया तो उसने इसे Private Exploit तकनीक बताया.
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क्यों चिंताजनक है COWIN पोर्टल का हैक होना
COWIN पोर्टल के जरिये ही भारत सरकार ने दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण कार्यक्रम चलाया था. कोरोना वायरस (Corona Virus) महामारी के खिलाफ जंग में कोविड-19 (Covid-19) वैक्सीन को इसी पोर्टल के जरिये आम जनता को लगाया गया था. इस वैक्सीन के लिए देश के करीब 110 करोड़ लोगों ने पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन कराया था, जिसमें उनके आधार नंबर, मोबाइल नंबर समेत तमाम निजी जानकारी मौजूद है. यह पोर्टल हैक होने की स्थिति में यह डाटा भी हैकर के हाथ लग सकता है, जिससे बड़े पैमाने पर भारतीयों की निजी जिंदगी प्रभावित हो सकती है.
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क्या कहते हैं साइबर एक्सपर्ट्स
पूरे मामले पर साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ अमित दुबे का कहना है कि प्रथम दृष्टया यह मामला Cowin प्लेटफॉर्म के login लीक का लग रहा है, जहां हैकर के पास किसी ऐसे व्यक्ति का Username और पासवर्ड का आ गया है, जिसके पास COWIN का admin access है. यह एक्सेस सिर्फ चुनिंदा लोगों के पास मौजूद है. दुबे के मुताबिक, एम्स पर साइबर हमले और सर्वर पर कब्जे के बाद अब COWIN प्लेटफार्म पर भी ऐसे साइबर हमले के चलते सरकार को भविष्य के लिए जरूरी कदम उठाने चाहिएं, जिससे सीमा की सुरक्षा के साथ साथ सर्वर की भी सुरक्षा बनी रहे.
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COWIN अथॉरिटी ने नहीं दिया जवाब
इस पूरे मामले पर जी न्यूज की टीम ने COWIN प्लेटफ़ॉर्म का संचालन करने वाली NATIONAL HEALTH AUTHORITY (NHA) से भी जानकारी मांगी, 72 घंटे बाद भी NHA ने आधिकारिक तौर पर कोई बयान नही दिया है. हालांकि NHA सूत्रों के मुताबिक. उसकी टीम सोमवार सुबह से ही इस मामले की जांच में जुटी हुई है.
तीन साल में 16 लाख साइबर क्राइम: सरकार
केंद्र सरकार ने मंगलवार को लोकसभा में एक सवाल के जवाब में साइबर सुरक्षा को लेकर जानकारी दी. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय (Union Minister of State for Home Nityanand Rai) ने बताया कि देश में साल 2020 से अब तक 16 लाख से ज्यादा बार साइबर क्राइम के मामले हो चुके हैं. 1 जनवरी, 2020 से 7 दिसंबर, 2022 के दौरान 32,000 से ज्यादा साइबर एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं. उन्होंने बताया कि नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (National Cyber Crime Reporting Portal) के जरिये आसानी से साइबर क्राइम की FIR ऑनलाइन ही कराई जा सकती है. इसके लिए www.Cybercrime.Gov.In पर जाकर पीड़ित केस दर्ज करा सकता है.
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