Crime News: बेंगलुरु (Bengaluru) से एक बेहद चौंकाने और दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसमें एक पिता ने अपने 14 वर्षीय बेटे को इतनी बुरी तरह से पीटा कि उसकी मौत हो गई. यह घटना एक मामूली विवाद से शुरू हुई, जो मोबाइल फोन के इस्तेमाल को लेकर था. बताया जा रहा है कि बेटे ने अपने पिता की बातों को नजरअंदाज करते हुए मोबाइल का इस्तेमाल किया, जिससे पिता गुस्से में आ गए गुस्से में आकर पिता ने बेटे की बुरी तरह से पिटाई की, जो अंततः इतनी गंभीर हो गई कि बेटे की जान चली गई.
यह वारदात उस दिन हुई जब लड़का अपने माता-पिता से मोबाइल ठीक कराने की जिद कर रहा था. पुलिस के अनुसार, लड़के का मोबाइल फोन के प्रति अत्यधिक आकर्षण और स्कूल में उसके खराब व्यवहार के कारण घर में लगातार झगड़े होते रहते थे. माता-पिता की बार-बार की कोशिशों के बावजूद लड़के की आदतें नहीं सुधरीं, जिससे दोनों के बीच तनाव बढ़ चुका था.
क्रिकेट बैट से पिटाई
घटना के दिन, जब लड़के ने मोबाइल ठीक करने की ज़िद की, तो पिता ने उसे मना कर दिया. इसके बाद दोनों के बीच तीखी बहस हुई, जो जल्द ही हिंसक झगड़े में बदल गई. पिता ने पहले क्रिकेट बैट से बेटे की बेरहमी से पिटाई की और फिर उसकी गर्दन पकड़कर उसे दीवार से कई बार टकरा दिया. लड़का गंभीर रूप से घायल हो गया और बेहोश हो गया.तत्काल उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां 15 नवंबर को उसे मृत घोषित कर दिया गया. बाद में डॉक्टरों ने पुष्टि की कि बच्चे की मौत सिर और पीठ पर गहरे घावों के कारण हुई.
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पिता की गिरफ्तारी, मामले की जांच जारी
पुलिस ने आरोपी पिता को गिरफ्तार कर लिया है और हत्या का मामला दर्ज कर लिया है. बेंगलुरु पुलिस उपायुक्त (दक्षिण) लोकेश बी जगलासर ने कहा, 'यह कोई साधारण हमला नहीं था, बल्कि एक दिल दहला देनी वाली घटना है. हम इस मामले की पूरी जांच कर रहे हैं. यह मामला न केवल पारिवारिक हिंसा की भयावहता को दर्शाता है, बल्कि मोबाइल फोन के अत्यधिक उपयोग के कारण उत्पन्न हो रहे परिवारिक तनावों को भी उजागर करता है. पुलिस का कहना है कि लड़के के मोबाइल के प्रति अत्यधिक आकर्षण ने परिवार में झगड़े की स्थिति उत्पन्न कर दी थी, जिसका खामियाजा अब बेटे की जान से चुकाना पड़ा.
घरेलू हिंसा और डिजिटल एडिक्शन पर जोर देने कि जरूरत
यह घटना एक बड़े सवाल को जन्म देती है: क्या आज के डिजिटल युग में मोबाइल फोन का अत्यधिक इस्तेमाल परिवारों में तनाव और हिंसा का कारण बन सकता है? इस दुखद घटना ने एक बार फिर इस ओर गंभीर ध्यान आकर्षित किया है. कुल मिलाकर, यह एक दिल दहला देने वाली घटना है, जो हमें याद दिलाती है कि घरेलू हिंसा और डिजिटल एडिक्शन की गंभीरता को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता.
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