उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर में गैंगस्टर मंगेश यादव के एनकाउटर का मामला अब राजनीतिक होता जा रहा है. मामले पर अब राजनीतिक पार्टियों के बीच वार-पलटवार का दौर शुरू हो गया है. रविवार को अंबेडकनगर में एक कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बार फिर समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव पर हमला बोला. सीएम योगी ने कहा कि जो डकैत गहने की दुकान में डकैती करने गया वो किसी भी ग्राहक को गोली मार सकता था. ग्राहक दलित, यादव, पिछड़ा किसी भी जाति के हो सकते थे. अगर किसी ग्राहक की मौत हो जाती तो उसकी जिम्मेदारी किसकी होती? क्या समाजवादी पार्टी उनकी जान को वापस ला सकती थी?
'लगता है जैसे इनकी दुख रग पर उंगली रख दी हो'
सीएम योगी अखिलेश पर निशाना साधते हुए आगे कहा - जब उनके माफिया शागिर्द को किसी डकैत को पुलिस मुठभेड़ मारा जाता है तो ऐसा लगता है कि जैसे इनकी दुखती नस पर पुलिस ने उंगली रख दी हो. फिर ये चिल्लाने लगते हैं. अभी ये डकैत की मुठभेड़ में हुई मौत पर इतना बोल रहे हैं अगर डकैती पर कोई एक्शन न लिया होता तो यही (सपा) लोग कहते कि राज्य में अराजकता फैली है. अब जब पुलिस मुठभेड़ में कोई डकैत मारा गया तो उस पर कह रहे हैं कि ये ठीक नहीं है. अब कोई इनसे (सपा) कि क्या करना चाहिए था?
एनकाउंटर पर उठ रहे सवालों पर राहुल गांधी ने कहा था, “भाजपा शासित राज्यों में ‘कानून और संविधान’ की धज्जियां वही उड़ा रहे हैं, जिनपर उनका पालन कराने की जिम्मेदारी है.” वहीं समाजवादी नेता अखिलेश यादव ने इसे संगीन शासनीय अपराध बताया है. सीएम योगी ने अंबेडकनगर में आगे कहा कि डकैत के मारे जाने पर सपा को दर्द हो रहा है, सरकार चलाने के लिए जज्बा चाहिए, सत्ता विरासत में मिल सकती है, बुद्धि नहीं.’
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अब गुंडे-माफिया प्रदेश से भाग रहे- सीएम योगी
सीएम योगी ने कहा कि 2017 से पहले हर जिले में सपा और कांग्रेस के नेतृत्व में पलने वाले माफिया की समानंतर सरकारें चलती थीं. कोई भी ऐसा जिला नहीं था जहां माफिया जनता की आवाज को न दबाता था. 2017 से पहले पुलिस को गिंडा और माफिया दौड़ाते थे. अब वे सब पुलिस के डर से भाग रहे हैं. उन्होंने कहा कि यूपी से गुंडे-माफिया भाग रहे हैं. अब जो माफिया-गुंडे बच गए हैं वे अपनी अंतिम यात्रा की तैयारी कर रहे होंगे.