कौन थे डीबी चंद्रेगौड़ा, जिन्होंने इंदिरा गांधी के लिए छोड़ दी थी सांसदी

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Nov 07, 2023, 01:55 PM IST

DB Chandre Gowda passes away

DB Chandre Gowda passes away: पेशे से वकील चंद्रेगौड़ा 1971 में कांग्रेस के जरिए राजनीति में आए. वह तीन बार लोकसभा के और एक बार राज्यसभा के सदस्य रहे.

डीएनए हिंदी: कर्नाटक में पूर्व मंत्री डीबी चंद्रेगौड़ा का मंगलवार को निधन हो गया. वह लंबे समय से बीमारी से जूझ रहे थे. चंद्रेगौड़ा ने मुदिगेरे के दरादाहल्ली में आवास पर आखिरी सांस ली. वह 87 वर्ष के थे. उनके परिवार में पत्नी और चार बेटियां हैं. चंद्रेगौड़ा का पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए आज शाम तक मुदीगेरे में अद्यंताया रंगमंदिर में रखा जाएगा. 

डीबी चंद्रेगौड़ा सभी चार सदनों विधानसभा, विधानस परिषद, लोकसभा और राज्यसभा में प्रतिनिधित्व कर चुके थे. वह कई राजनीतिक में शामिल रहे. इनमें प्रजा सोशलिस्ट पार्टी, कर्नाटक क्रांति रंग, जनता पार्टी, जनता दल, कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी भी शामिल हैं. वह उस वक्त चर्चा में आए थे जब उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के लिए चिकमगलूर लोकसभा सीट छोड़ दी थी. उन्होंने इंदिरा गांधी के लिए 1978 में लोकसभा सांसदी से इस्तीफा दे दिया था और उनकी जीत सुनिश्चित करने के लिए काम किया था. 

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1971 में थामा कांग्रेस का हाथ
पेशे से वकील चंद्रेगौड़ा 1971 में कांग्रेस के जरिए राजनीति में आए. वह तीन बार लोकसभा के और एक बार राज्यसभा के सदस्य रहे. उन्होंने 1971 और 1977 में कांग्रेस के टिकट पर चिकमगलुरु संसदीय निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा का चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. इंदिरा गांधी के लिए सीट छोड़ने के बाद गौड़ा कांग्रेस की तरफ से 1978 से 1983 तक विधान परिषद सदस्य बने और देवराज उर्स मंत्रिमंडल में मंत्री बने. बाद में बदलते राजनीतिक परिदृश्य को देखते हुए उन्होंने उर्स के साथ कांग्रेस छोड़ दी और कर्नाटक क्रांति रंग में शामिल हो गए.

3 बार बने थे विधायक
चंद्रेगौड़ा तीन बार विधानसभा सदस्य रहे. उन्होंने दो बार तीर्थहल्ली निर्वाचन क्षेत्र से जनता पार्टी और एक बार कांग्रेस के टिकट पर श्रृंगेरी निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया. वह एस एम कृष्णा सरकार में कानून और संसदीय मामलों के मंत्री बने थे. वह 1986 में जनता पार्टी के टिकट पर राज्यसभा सदस्य बने. बाद में जनता पार्टी जनता दल बन गया था. उन्होंने 2009 में बेंगलुरु उत्तर संसदीय निर्वाचन क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के टिकट पर चुनाव लड़ा और लोकसभा पहुंचे. विभिन्न सरकारों में मंत्री पद पर रहे गौड़ा 1983 से 1985 तक राज्य विधानसभा के अध्यक्ष भी रहे और विधानसभा और विधान परिषद दोनों में विपक्ष के नेता भी रहे. (PTI इनपुट के साथ)

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