दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के डॉक्टरों ने इतिहास रचा है. एम्स में पहली बार दो किडनी ट्रांसप्लांट एक साथ हुआ है. एम्स के डॉक्टरों ने 51 वर्षीय महिला में 78 वर्षीय महिला से प्राप्त दोनों किडनी को दाहिनी ओर एक दूसरे के ऊपर लगाया गया था. अब महिला की दोनों किडनी सुचारू रूप से काम कर रही है. एम्स के अनुभवी डॉक्टरों की टीम ने सफलतापूर्वक काम करके एक और उपलब्धि अपने नाम कर लिया है.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 78 साल की एक महिला की सीढ़ी से गिर गईं थी. जिसकी वजह से उन्हें से दिल्ली एम्स में एडमिट कराया गया था. इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई थी. डॉक्टरों ने उनक ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया था. बुजुर्ग महिला के ब्रेन डेड घोषित होने के बाद परिजनों ने उसके अंग दान का फैंसला किया. हालांकि महिला का उम्र ज्यादा होने की वजह से उसके अंग सही से काम नहीं करते हैं.
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51 साल की महिला को दी गई किडनी
महिला की उम्र ज्यादा होने के कारण उनकी एक किडनी डायलिसिस पर एक मरीज के लिए पर्याप्त नहीं पाई गई. ऐसे में एक ही प्राप्तकर्ता में दोनों किडनी का उपयोग करने का निर्णय लिया गया. किडनी की तलाश कर रही 51 वर्षीय महिला डायलिसिस पर थी. जिसके बाद 22 दिसंबर को एम्स में सर्जिकल अनुशासन विभाग और नेफ्रोलॉजी विभाग ने ओआरबीओ के सहयोग से पहला दोहरा किडनी प्रत्यारोपण किया. डॉ. असुरी कृष्णा, डॉ. सुशांत सोरेन और प्रोफेसर वी सीनू इस टीम में शामिल थे. डॉक्टर आसुरी कृष्णा ने बताया कि चुनौती बड़ी थी लेकिन सफलता मिल गई.
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