डीएनए हिंदी: दिवाली के दिन रविवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वायु गुणवत्ता (AQI) पिछले 8 साल में सबसे बेहतर दर्ज की गई. दिवाली के दिन दिल्ली में साफ आसमान नजर आया. राजधानी में रविवार सुबह साफ आसमान और खिली धूप के साथ हुई और शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) शाम चार बजे 218 रहा, जो बीते कम से कम तीन सप्ताह में सबसे अच्छा है. हालांकि, पटाखे जलाने और रात में तापमान कम रहने से प्रदूषण के स्तर में वृद्धि हो सकती है.
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली में पिछले साल दिवाली पर एक्यूआई 2022 में 312, 2021 में 382, 2020 में 414, 2019 में 337, 2018 में 281, 2017 में 319 और 2016 में 431 दर्ज किया गया था. शनिवार को 24 घंटे का औसत एक्यूआई 220 था, जो पिछले आठ वर्षों में दिवाली से एक दिन पहले सबसे कम रहा था. इस बार दिवाली से ठीक पहले दिल्ली में हवा की गुणवत्ता में तेजी से सुधार हुआ. इसकी सबसे बड़ी वजह शुक्रवार को रुक-रुक हुई बारिश और प्रदूषकों को उड़ा ले जाने के लिहाज से हवा की अनुकूल गति का होना है. गुरुवार को 24 घंटे का औसत एक्यूआई 437 था.
दिल्ली में 28 अक्टूबर से दो सप्ताह तक हवा की गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ से ‘गंभीर’ तक रही और इस अवधि के दौरान राजधानी में दमघोंटू धुंध छाई रही. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने पहले ही पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव के कारण हल्की बारिश सहित अनुकूल मौसमी दशाओं के कारण दिवाली से ठीक पहले हवा की गुणवत्ता में मामूली सुधार होने का पूर्वानुमान किया था. पश्चिमी विक्षोभ के कारण पंजाब और हरियाणा सहित उत्तर-पश्चिम भारत के अधिकांश हिस्सों में बारिश हुई जिससे दिल्ली के वायु प्रदूषण में, पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने से निकलने वाले धुएं का योगदान कम हो गया. आईएमडी के एक अधिकारी ने पूर्व में बताया था कि पश्चिमी विक्षोभ गुजर जाने पर 11 नवंबर (शनिवार) को हवा की गति लगभग 15 किलोमीटर प्रति घंटे तक बढ़ जाएगी, जिससे दिवाली (12 नवंबर) से पहले प्रदूषक तत्वों का छितराव होने में मदद मिलेगी.
दिल्ली में आज रात से बढ़ सकता है प्रदूषण
पिछले तीन साल के रुझान के देखते हुए दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी के भीतर पटाखों के निर्माण, भंडारण, बिक्री और उपयोग पर व्यापक प्रतिबंध की घोषणा की है. शनिवार राष्ट्रीय राजधानी में पटाखे जलाने की छिटपुट घटनाएं सामने आईं. लेकिन रविवार को अधिक पटाखे जलाने से दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बढ़ सकता है. दिल्ली में हवा में मौजूद सूक्ष्म कणों के प्रदूषण के स्रोतों की पहचान करने वाले ‘डिसीजन सपोर्ट सिस्टम’ के आंकड़ों के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी में बुधवार को 23 प्रतिशत प्रदूषण के लिए पड़ोसी राज्यों, विशेष रूप से पंजाब और हरियाणा में पराली जलाए जाने से निकला धुआं जिम्मेदार था. शहर में प्रदूषण के स्तर में पराली जलाने की घटनाओं का योगदान गुरुवार को 33 प्रतिशत, जबकि शुक्रवार को 10 प्रतिशत था.
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दिल्ली में अभी नहीं लागू होगा ऑड-ईवन
आंकड़ों में परिवहन को भी वायु प्रदूषण का प्रमुख कारण बताया गया है, जो दिल्ली की खराब होती वायु गुणवत्ता में 12 से 14 प्रतिशत का योगदान दे रहा है. नई दिल्ली स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के प्रमुख वैज्ञानिक विनय कुमार सहगल ने अनुमान जताया कि बारिश के बाद नमी की स्थिति के कारण दिवाली के आसपास पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने की घटनाओं में कमी आएगी. दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने शुक्रवार को कहा कि सरकार ने ऑड-ईवन कार योजना फिलहाल स्थगित कर दी है, क्योंकि वर्षा के कारण शहर की वायु गुणवत्ता बहुत सुधर गई है.
उन्होंने कहा कि सरकार दिवाली के बाद वायु गुणवत्ता की समीक्षा करेगी और यदि प्रदूषण का स्तर बहुत बढ़ जाता है, तो ऑड-ईवन योजना पर निर्णय लिया जा सकता है. राय ने पहले कहा था कि उच्चतम न्यायालय द्वारा सम-विषम कार योजना की प्रभावशीलता की समीक्षा करने और उसके आदेश जारी करने के बाद शहर में यह योजना लागू की जाएगी. मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार की सम-विषम योजना की प्रभावशीलता पर सवाल उठाया था और इसे ‘दिखावा’ बताया था. (PTI इनपुट के साथ)
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