डीएनए हिंदी: दिल्ली और आसपास के शहरों में जहरीली धुंध की मोटी परत नजर आ रही है. दो दिनों से गैस चैंबर बनी दिल्ली लोगों का दम घोंट रही है. दिल्ली में शुक्रवार को एयर क्वालिटी इंडेक्स यानी AQI का स्तर 504 पर रहा यानी दिल्ली की हवा गंभीर श्रेणी में है. वायु प्रदूषण से निजात पाने के लिए अरविंद केजरीवाल सरकार कई तरह के अभियान चला रही है. अब इसको लेकर दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने पर्यावरण मंत्री गोपाल राय के साथ बैठक की.
LG ऑफिस के एक बयान के अनुसार, बीके सक्सेना की अध्यक्षता में हुई बैठक में दिल्ली के मुख्यमंत्री शामिल नहीं हो सके क्योंकि वह दिल्ली के बाहर थे. जबकि बैठक में शामिल हुए पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि उन्होंने एलजी से वरिष्ठ अधिकारियों को सरकार का बहिष्कार न करने और बैठकों में भाग लेने को और जमीन पर निर्णयों के आदेश और लागू करने के लिए सहयोगी और सतर्क रहने के निर्देश जारी करने को कहा. उन्होंने कहा कि जिन्होंने सरकार की मंजूरी के बिना स्मॉग टावर को बंद कर दिया उनके खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है. राय ने कहा कि बीजेपी केंद्र और पड़ोसी राज्यों हरियाणा और उत्तर प्रदेश में सत्ता हैं और उन्होंने प्रदूषण के खिलाफ काम करने के लिए अपील की है.
LG और पर्यावरण मंत्री के बैठक में हुए ऐसे फैसले
1) सरकार के सभी विभागों/एजेंसियों को अपने कार्यक्षेत्र से बढ़कर अपनी गतिविधियों में प्रदूषण में कमी लाने को प्राथमिकता देनी चाहिए.
2) पर्यावरण विभाग बच्चों और बुजुर्गों को अतिरिक्त सतर्कता बरतने को कहेगा.
3) पर्यावरण विभाग लोगों से अपील करेगा कि वे जहां तक संभव हो घर के अंदर रहें, बेवजह यात्रा करने से बचें और यदि आवश्यक हो तो सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करें, जिससे सड़कों पर यातायात कम हो और उत्सर्जन और धूल प्रदूषण भी कम हो.
4) GRAP के संबंध में CAQM उपायों को जमीन पर सख्ती से लागू किया जाएगा, जिसका अनुपालन सभी संबंधित विभागों और अधिकारियों द्वारा सुनिश्चित किया जाएगा.
5) यदि आवश्यक हो तो सभी मैकेनाइज्ड रोड स्वीपर, वॉटर स्प्रिंकलर और एंटी-स्मॉग गन का अधिकतम उपयोग किया जाना चाहिए.
6) स्वास्थ्य विभाग यह सुनिश्चित करेगा कि अस्पतालों में सभी सुविधाएं शहर के किसी भी निवासीके लिए हमेशा तैयार रहें.
पब्लिक ट्रांसपोर्ट के इस्तेमाल पर दिया गया जोर
एलजी कार्यालय के एक बयान में कहा गया है कि बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि लोगों को जहां तक संभव हो घर के अंदर रहने, बेवजह यात्रा से बचने और यदि जरूरत हो तो पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करने की अपील की गई. ऐसे में लोगों के आने जाने में कमी होगी और धूल प्रदूषण में कमी आई. . इसके साथ ही किसानों को पराली जलाने पर रोक लगाने के लिए पड़ोसी राज्यों, खासतौर पर पंजाब सरकार से अपील करने का निर्णय लिया गया है. बता दें कि पंजाब में 1 नवंबर को पराली जलाने की कुल 2684 घटनाओं में से 1921 घटनाएं हुईं. पंजाब के अलावा, हरियाणा में पराली जलाने के 99 मामले, उत्तर प्रदेश में 95 और राजस्थान में 60 मामले सामने आए हैं. दिल्ली के एलजी ने एक लंबे समय तक चलने वाली योजना बनाने की बात कही. जिसे मौजूदा आपातकाल समाप्त होने के बाद लागू किया जाएगा.
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