दिल्ली के रोहिणी में रविवार सुबह प्रशांत विहार स्थित सीआरपीएफ स्कूल के पास बड़ा धमाका हुआ. इस घटना से राष्ट्रीय राजधानी स्तब्ध रह गई. राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) समेत शीर्ष जांच एजेंसियां इस विस्फोट के सुरागों का पता लगाने में जुट हुई हैं. पुलिस ने कहा कि वह इस घटना के संभावित खालिस्तानी जुड़ाव की जांच कर रहे हैं, क्योंकि सोशल मीडिया पर एक पोस्ट डाला गया है जिसमें दावा किया गया है कि यह विस्फोट भारतीय एजेंट द्वारा कथित रूप से खालिस्तान समर्थक अलगाववादियों को निशाना बनाए जाने के प्रतिशोध में किया गया है.
दिल्ली पुलिस जांच में जुटी
दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने बताया कि यह एक कम तीव्रता वाला आईईडी (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) था, जिसे बिना छर्रे या बॉल बेयरिंग के टाइमर या रिमोट से नियंत्रित किया जा सकता था. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि संदेह है कि हमलावर प्रशासन को एक संदेश देना चाहते थे. विस्फोट के बाद राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए), राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी), केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और दिल्ली पुलिस की टीम ने इलाके की घेराबंदी कर दी और फॉरेंसिक टीम ने विस्फोट के कारणों का पता लगाने के लिए घटनास्थल से नमूने इकट्ठे किए. पुलिस ने बताया कि इस घटना में स्कूल की दीवार, पास की दुकानें और एक कार क्षतिग्रस्त हो गई हैं.
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सीसीटीवी में कैद हुई वारदात
यह घटना सीसीटीवी कैमरे में रिकार्ड हो गई है. इस विस्फोट की आवाज कई मीटर तक सुनी गई. पुलिस को संदेह है कि बम देर रात को रखा गया होगा. स्थानीय लोगों ने बताया कि बम सुबह सात बजकर 35 मिनट और सात बजकर 40 मिनट के बीच फटा. यह घटना पिछले कुछ दिनों में कई एयरलाइनों को बम से उड़ाने की धमकियों के बीच हुई.
टेलीग्राम पोस्ट
जस्टिस लीग इंडिया ने टेलीग्राम पोस्ट का एक कथित स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया मंचों पर शेयर किया. उसमें नीचे ‘खालिस्तान जिंदाबाद’ वॉटरमार्क के साथ विस्फोट की एक क्लिप थी. जस्टिस लीग इंडिया ने क्लिप के साथ पोस्ट में कहा, 'अगर भारतीय कायर एजेंसी और उनके मालिक सोचते हैं कि वे हमारी आवाज को दबाने के लिए तथा हमारे सदस्यों को निशाना बनाने के लिए गंदे गुंडों को किराए पर ले सकते हैं, तो वे मूर्खों की दुनिया में रहते हैं। वे कल्पना नहीं कर सकते कि हम उनके कितने करीब हैं और हम किसी भी समय हमला करने में कितने सक्षम हैं।खालिस्तान जिंदाबाद.' (With PTI Input)
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