केजरीवाल सरकार को बजट पेश करने से क्यों रोका? MHA ने दिया जवाब, समझिए पूरा मामला

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Mar 21, 2023, 08:25 AM IST

Delhi Budget Controversy

Delhi Budget 2023: दिल्ली में इस साल का बजट पेश किए जाने को लेकर अरविंद केजरीवाल की सरकार और केंद्र सरकार के बीच टकराव देखने को मिल रहा है.

डीएनए हिंदी: दिल्ली में पहली बार ऐसा हो रहा है कि बजट (Delhi Budget 2023) तय समय पर पेश नहीं किया जाएगा. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने कहा है कि केंद्र सरकार ने जानबूझकर बजट पेश करने से रोक दिया है. इस पूरे विवाद पर अब केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) ने भी जवाब दिया है कि ऐसा क्यों हुआ. गृह मंत्रालय ने कहा है कि बजट को लेकर दिल्ली सरकार (Delhi Government) से कुछ सवाल पूछे गए हैं जिसका चार दिन से जवाब नहीं दिया जा रहा है. अरविंद केजरीवाल के दावे पर बीजेपी ने पलटवार करते हुए कहा है कि दिल्ली सरकार खुद ही अपने बजट में देरी कर रही है.

दरअसल, दिल्ली के प्रस्तावित बजट के कुछ प्रावधानों को लेकर आपत्ति जताई गई है. इसमें सबसे अहम सवाल यह है कि विज्ञापन पर इतने पैसे क्यों खर्च किए जा रहे हैं. अब बजट पेश न होने को लेकर आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार एक बार फिर आमने-सामने हैं और टकराव की स्थिति बन गई है. इसी मुद्दे पर AAP और बीजेपी के बीच भी जमकर जुबानी जंग हो रही है.

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क्या बोली दिल्ली सरकार?
दिल्ली सरकार के मुताबिक, लगभग 10 दिन पहले ही मंजूरी लेने के लिए दिल्ली का प्रस्तावित बजट केंद्र को भेजा गया. अब दिल्ली सरकार का कहना है कि जानबूझकर एक दिन पहले सवाल पूछे गए हैं ताकि बजट सही समय पर पेश न किया जा सके. सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि ऐसा इतिहास में पहली बार हो रहा है कि दिल्ली का बजट समय पर पेश नहीं हो पाएगा.

दिल्ली के वित्त मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा है कि 17 मार्च को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पत्र भेजकर अपनी टिप्पणी की थी. हैरानी की बात यह है कि दिल्ली के मुख्य सचिव ने इस पत्र को 3 दिन तक छिपाकर रखा. कैलाश गहलोत ने सोमवार को कहा कि मुझे इस पत्र के बारे में आज ही पता चला है. उन्होंने यह भी कहा कि सोमवार शाम को गृह मंत्रालय की चिंताओं का जवाब दे दिया गया है और मुख्यमंत्री की मंजूरी के बाद रात 9 बजे दिल्ली के उपराज्यपाल को फाइल सौंप दी गई है.

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MHA ने इस पर क्या जवाब दिया?
अरविंद केजरीवाल के आरोपों पर गृह मंत्रालय ने भी जवाब दिया है. गृह मंत्रालय के मुताबिक, दिल्ली के उपराज्यपाल ने 9 मार्च को अपनी टिप्पणियों के साथ फाइनेंशियल स्टेटमेंट (बजट) मुख्यमंत्री ने भेज दिया था. इसके बाद दिल्ली सरकार ने गृह मंत्रालय ने स्वीकृति मांगी. गृह मंत्रालय ने 17 मार्च को अपनी टिप्पणी से अवगत करा दिया था. अब गृह मंत्रालय का कहना है कि 4 दिन से दिल्ली सरकार ने इस पर जवाब नहीं दिया है.

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किस सवाल पर हुआ है बवाल?
सूत्रों के मुताबिक, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दिल्ली सरकार से विज्ञापन पर ज्यादा बजट पर सवाल उठाए हैं. आरोप लगाए गए हैं कि दिल्ली सरकार दो साल में विज्ञापन पर खर्च को दोगुना कर रही है. इस पर दिल्ली सरकार ने कहा है कि इस साल भी 550 करोड़ रुपये ही विज्ञापन पर खर्च होंगे और पिछले साल भी इतना ही बजट था.

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