डीएनए हिंदी: दिल्ली आबकारी नीति केस से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आम आदमी पार्टी के सांसद नेता संजय सिंह की गिरफ्तारी और रिमांड को चुनौती देने वाली याचिका पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में केंद्र और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को नोटिस भेजा और 11 दिसबंर तक जवाब दाखिल करने को कहा है. उच्चतम न्यायालय ने साथ यह भी टिप्पणी की कि संजय सिंह की तरफ से गिरफ्तारी को चुनौती देने की बजाय निचली अदालत में जमानत का आवेदन दिया जाता तो बेहतर होता.
जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस एसवीएन भट्टी की पीठ ने केंद्र और ईडी को नोटिस जारी कर उनसे 11 दिसंबर से पहले जवाब दाखिल करने को कहा है. पीठ ने आदेश दिया कि अगर संजय सिंह नियमित जमानत के लिए याचिका दायर करते हैं तो इस पर 20 अक्टूबर को दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले में की गई टिप्पणी से स्वतंत्र रूप से विचार किया जाना चाहिए. संजय सिंह को दिल्ली की शराब घोटाले में 4 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था. ईडी की चार्जशीट में संजय सिंह पर 82 लाख रुपये चंदा लेने का आरोप है.
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संजय सिंह ने दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. हाईकोर्ट ने अपने आदेश में मामले में उनकी गिरफ्तारी में हस्तक्षेप करने से इनकार करते हुए कहा था कि वह साक्ष्य उपलब्ध नहीं होने पर प्रमुख जांच एजेंसी पर राजनीतिक मकसद होने का आरोप नहीं मढ़ सकती. ईडी का मनी लॉन्ड्रिंग का मामला केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) की प्राथमिकी से संबंधित है.
ED-CBI चार्जशीट में संजय सिंह पर गंभीर आरोप
सीबीआई और ईडी के अनुसार, अब समाप्त की जा चुकी दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 में बदलाव करते हुए अनियमितताएं की गई थीं और लाइसेंस धारकों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया. आरोप है कि नीति बनाने और लागू करने में संजय सिंह ने अहम भूमिका निभाई थी. निचली अदालत ने संजय सिंह को उनकी गिरफ्तारी के बाद ईडी की हिरासत में भेजा था. अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट 11 दिसंबर को सुनवाई करेगा. सर्वोच्च अदालत ने संजय सिंह को नियमित जमानत याचिका दायर करने को कहा है.
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