डीएनए हिंदी: दिल्ली की आबकारी नीति (Delhi Excise Policy) को वापस लिया जा चुका है. इसके बावजूद, मामले में ईडी की जांच जारी है. आरोप है कि पैसे लेकर नीति तय की गई थी. अब इसी मामले में ईडी ने दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) समेत अन्य आरोपियों के बारे में कहा है कि इन लोगों ने अवैध पैसों के लेन-देन का सबूत छिपाने के लिए सैकड़ों बार अपने मोबाइल फोन बदले. ईडी ने गुरुवार को पीएमएलए कोर्ट (PMLA Court) में कहा कि दिल्ली में शराब के ठेकों के लिए 100 करोड़ रुपयों का लेन-देन हुआ. ईडी के मुताबिक, इस केस से जुडे तीन दर्जन से ज्यादा महत्वपूर्ण लोगों ने 140 से ज्यादा बार अपने मोबाइल फोन बदले.
हाल ही में ईडी ने फ्रांस की शराब कंपनी पर्नोड रिकार्ड के दिल्ली के रीजनल चीफ बिनॉय बाब और अरबिंदो फार्मा लिमिटेड के डायरेक्टर पी शरत चंद्र रेड्डी को गिरफ्तार किया था. इन दोनों की गिरफ्तारी के बाद ही ईडी ने दावा किए हैं. ईडी के मुताबिक, इन दोनों ने अपने बयान दिया है कि कई कारोबारी समूहों को गलत तरीके से फायदा पहुंचाने के लिए 100 करोड़ रुपये की रिश्वत दी गई.
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'पैसे लेकर दो महीने पहले ही लीक कर दी गई थी आबकारी नीति'
ईडी के मुताबिक, इन दर्जनों लोगों में आबकारी नीति घोटाले के मुख्य आरोपी, शराब कारोबारी, सरकारी अधिकारी और कई अन्य लोग शामिल हैं. ईडी का यह भी कहना है कि शराब नीति को 31 मई को ही कुछ कंपनियों के लिए लीक कर दिया गया था जबकि इसे दो महीने बाद यानी 5 जुलाई 2021 को सार्वजनिक किया गया था. ईडी का आरोप है कि बिनॉय बाबू ने इस घोटाले में गंभीर भूमिका निभाई और कई अन्य कारोबारियों और अधिकारियों के साथ मिलकर एक गठजोड़ तैयार किया.
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पीएमएलए कोर्ट में ईडी ने बताया कि लगभग 34 लोगों के फोन में इस घोटाले से जुड़े सबूत मौजूद थे. इन्हीं सबूतों को मिटाने के लिए इन लोगों ने कम से कम 140 फोन बदले. आपको बता दें कि इस केस में दिल्ली सरकार के कई अधिकारी, शराब कंपनियों के अधिकारी और मालिकों के साथ-साथ दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को भी आरोपी बनाया गया है.
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