Delhi Excise Policy में ऐसा क्या है जो फंस गए दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया?

नीलेश मिश्र | Updated:Jul 22, 2022, 03:57 PM IST

मनीष सिसोदिया

Manish Sisodia CBI Case: दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के खिलाफ जल्द ही सीबीआई की जांच शुरू होने वाली है. एक्साइज पॉलिसी के बदलाव से जुड़े एक मामले में उप-राज्यपाल ने इस जांच के आदेश दे दिए हैं.

डीएनए हिंदी: दिल्ली के उप-राज्यपाल विजय कुमार सक्सेना (V K Saxena) ने डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) के खिलाफ सीबीआई जांच के आदेश दे दिए हैं. इस आदेश के तुरंत बाद दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने केंद्र की भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सरकार पर जानबूझकर आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) के नेताओं को परेशान करने के आरोप लगाए हैं. अरविंद केजरीवाल का कहना है कि बीजेपी, उप-राज्यपाल के ज़रिए सत्येंद्र जैन के बाद अब मनीष सिसोदिया को भी जेल भेजना चाहती है. आपको बता दें कि दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री रहे सत्येंद्र जैन को मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में ईडी ने गिरफ्तार कर लिया था.

यह मामला है कि दिल्ली की आबकारी नीति यानी एक्साइज पॉलिसी 2021-22 का. नीति में गड़बड़ी के आरोपों के बाद उप-राज्यपाल ने सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं. दरअसल, दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव की एक रिपोर्ट के आधार पर इस जांच के आदेश दिए हैं. आपको बता दें कि बीजेपी लगातार आरोप लगा रही है कि आम आदमी पार्टी की सरकार ने दिल्ली में शराब के ठेकों की संख्या बढ़ाई है और अपने करीबियों को लाभ पहुंचाने की कोशिश की है. आइए समझते हैं कि पूरा मामला क्या है...

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रिपोर्ट में आखिर है क्या?
सीबीआई जांच का आदेश देने के बाद उपराज्यपाल के दफ्तर ने एक बयान जारी किया है. इस बयान में कहा गया है कि मुख्य सचिव की रिपोर्ट से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (जीएनसीटीडी) अधिनियम 1991, व्यापारिक लेनदेन की नियमावली-1993, दिल्ली आबकारी अधिनियम 2009 और दिल्ली आबकारी नियम 2010 के उल्लंघनों की जानकारी मिली है.

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इसके अलावा, इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि शराब उत्पादन, होल सेलर और बिक्री से जुड़ा काम एक ही व्यक्ति की कंपनियों को दिया गया. आरोप है कि इस तरह से ठेके देना एक्साइज पॉलिसी का उल्लंघन है. आरोप है कि इस मामले में अधिकार न होते हुए भी एक्साइज पॉलिसी में बदलाव किए गए. इसी वजह से दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पर सवाल उठाए गए हैं. 

दिल्ली के राजस्व को भारी नुकसान!
रिपोर्ट में यह भी आरोप है कि दिल्ली सरकार ने कोरोना महामारी के नाम पर शराब ठेकेदारों को मनमानी तरीक से 144 करोड़ रुपये की छूट दी. आरोप है कि दिल्ली सरकार के इस रवैये की वजह से दिल्ली के राजस्व को काफी नुकसान हुआ है.

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