डीएनए हिंदी: भारी बारिश के चलते पहाड़ी राज्यों हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड से लेकर उत्तर प्रदेश तक की नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ गया है. कई बड़े बांधों से लगातार पानी छोड़ा जा रहा है क्योंकि वे ओवरफ्लो हो रहे हैं. हथिनी कुंड बैराज से लगातार पानी छोड़े जाने के चलते दिल्ली में यमुना खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. 1978 के बाद पहली बार यमुना का जलस्तर 207.18 मीटर तक पहुंच गया है. पानी का बहाव तेज रखने के लिए ओखला बैराज के सभी गेट खोल दिए गए हैं. इसका नतीजा यह हुआ है कि उत्तर प्रदेश के निचले शहरों जैसे कि मथुरा और आगरा में भी यमुना नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ा है. दूसरी तरफ, हिमाचल प्रदेश के पंडोह बांध से भी पानी छोड़ा जा रहा है. इसके चलते राज्य सरकार ने लोगों से अपील की है कि वे नदियों, नालों और अन्य जलधाराओं के पास न जाएं.
दिल्ली के निचले इलाकों में जलभराव के बाद हजारों लोगों को निकाला गया है. 1978 के बाद पहली बार दिल्ली में यमुना का जलस्तर 207.18 मीटर के स्तर को भी पार कर गया है. हथिनी कुंड बैराज से 3 लाख क्यूसेक से ज्यादा पानी यमुना में छोड़ा गया है. कहा जा रहा है कि अगर तेज बारिश जारी रहती है तो यमुना में और पानी छोड़ा जा सकता है क्योंकि और कोई रास्ता नहीं है. हथिनी कुंड बैराज के आसपास के गांवों में भी पानी भर गया है, जिसके चलते हर हाल में पानी छोड़ना ही पड़ रहा है. जलस्तर बढ़ने की रफ्तार देखते हुए कहा जा रहा है कि कल यानी गुरुवार तक यमुना का पानी 1978 के रिकॉर्ड को भी तोड़ देगा.
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मनाली के पंडोह डैम से छोड़ा जा रहा पानी
हिमाचल प्रदेश के नूरपुर जिले की पुलिस ने लोगों को सूचना दी है कि 11 जुलाई को शाम 6 बजे से 12 जुलाई दिन के 3 बजे तक पंडोह बांध (मंडी) से लगातार पानी छोड़ा जाएगा. ऐसे में आम जनता से अपील की गई है कि अगले कुछ दिनों तक नदी, नाले और डैम क्षेत्र के आसपास न जाएं ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके नूरपुर पुलिस ने अपना कंट्रोल रूम नंबर 0193-299400 भी जारी किया है. किसी भी तरह की संकट की स्थिति में लोग इस नंबर पर फोन करके मदद मांग सकते हैं.
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वहीं, दिल्ली में यमुना लगातार खतरे के निशान के ऊपर से बह रही है. इसके चलते 40 हजार से ज्यादा लोगों को निचले इलाकों से निकाला गया है. हजारों लोग किसी फ्लाइओवर या बाढ़ राहत केंद्रों में शरण लेने को मजबूर हैं. हालांकि, कई निचले इलाकों में पहले ही पानी भर चुका है. दिल्ली सरकार का कहना है कि शहर में बाढ़ का खतरा नहीं है. इसके बावजूद, एनडीआरएफ की टीम अलर्ट पर रखी गई है. साथ ही, सिंचाई विभाग, पीडब्ल्यूडी और स्वास्थ्य विभाग ऐक्टिव हो गया है.
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