डीएनए हिंदी: दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर के उद्घाटन की तारीख तय हो गई है. 17 किलोमीटर लंबे इस कॉरिडोर का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 20 अक्टूबर को उद्घाटन करेंगे. राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) के अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि ये ट्रेनें दिखने में मेट्रो ट्रेन के समान होंगी, लेकिन इनके कोच में सामान रखने की जगह (लगेज कैरियर) और मिनी स्क्रीन जैसी कई सुविधाएं होंगी.
एनसीआरटीसी को दिल्ली और मेरठ के बीच भारत के प्रथम ‘रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम’ (RRTS) के निर्माण की देखरेख की जिम्मेदारी दी गई है. एनसीआरटीसी ने पूर्व में कहा था कि दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस के समूचे 82.15 किलोमीटर लंबे मार्ग पर ट्रेनों का परिचालन जून 2025 तक शुरू करने का लक्ष्य है. आरआरटीएस ट्रेन में यात्रियों के लिए सीट के ऊपर सामान रखने की व्यवस्था की गई है. इसके अलावा वाई-फाई और प्रत्येक सीट पर मोबाइल और लैपटॉप चार्जिंग की सुविधा दी गई है.
स्टेशन पर बनाया जाएगा खोया और पाया केंद्र
आरआरटीएस कॉरिडोर से लोगों की यात्रा अधिक सुरक्षित और परेशानी मुक्त हो जाएगी. इस आधुनिक हाई स्पीड, हाई-फ्रीक्वेंसी रैपिडएक्स ट्रेनों के संचालन के साथ ही यात्रियों को कई सुविधाएं मिलेंगी. यात्रियों के खोए हुए सामान की बरामदगी के लिए गाजियाबाद आरआरटीएस स्टेशन पर 'खोया और पाया केंद्र' भी बनाया जाएगा. यह केंद्र यात्रियों के खोए सामान को ढूंढने में मदद करेगा.
इस नंबर पर करनी होगी कॉल
जानकारी के मुताबिक, अगर किसी यात्री का सामान स्टेशन परिसर या उसके आसपास खा जाएगा तो वह 'खोया और पाया केंद्र' से संपर्क कर सकता है. इसके साथ ही खोई-पाई वस्तु के संबंध में पूछताछ और सहायता के लिए रैपिडएक्स ग्राहक सेवा केंद्र के नंबर 8069651515 पर कॉल करके भी मदद ले सकते हैं. यात्री का खोया सामान हेल्प केंद्र द्वारा 24 घंटे के अंदर उसके पास पहुंचा दिया जाएगा.
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