डीएनए हिंदी: सुप्रीम कोर्ट से प्रशासनिक फेरदबदल का अधिकार मिलने के बाद दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार एक्शन में नजर आ रही है. दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने सर्विसेज विभाग के सचिव वरिष्ठ IAS अधिकारी आशीष मोरे को नोटिस भेजा है. मोरे को उनके स्थान पर नए अधिकारी की तैनाती संबंधी निर्देशों का पालन नहीं करने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया है. साथ ही उन्हें अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है.
दिल्ली सरकार के नोटिस में आशीष मोरे से पूछा गया है कि उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई क्यों नहीं शुरू की जाए? मोरे को सर्विस विभाग में नए सचिव की तैनाती के लिए मंत्रालय में फाइल भेजने के लिए कहा गया था. उन्होंने इसे जल्द भेजने का आश्वासन दिया था. लेकिन मोरे सेवा विभाग के मंत्री के सामने फाइल भेजने के बजाए बगैर बताए दफ्तर से चले गए और फोन को भी नहीं उठा रहे हैं. नोटिस में कहा गया है कि आशीष मोरे जानबूझकर फोन कॉल का जवाब नहीं दिया है. दिल्ली सरकार ने आशीष मोरे को पिछले सप्ताह उनके पद से हटा दिया था.
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IAS आशीश मोरे ऑफिस से गायब, 24 घंटे में मांगा जवाब
दिल्ली सरकार के एक अधिकारी ने कहा कि मोरे ने सेवा विभाग के मंत्री सौरभ भारद्वाज द्वारा 13 मई को भेजे गए कारण बताओ नोटिस का कोई जवाब नहीं दिया है. ट्रांसफर से संबंधित घटनाक्रम पर बातचीत के लिए मोरे से संपर्क नहीं हो सका. भारद्वाज ने मोरे को भेजे गए मेमो में उन आरोपों पर 24 घंटे के अंदर जवाब देने को कहा कि मोरे ने उच्चतम न्यायालय के फैसले और उनके स्थानांतरण के निर्देंशों के पालन से इनकार किया है. सेवा मंत्री ने यह भी कहा कि अधिकारी से फोन और व्हाट्सऐप के जरिए संपर्क साधने की तमाम कोशिशों का कोई परिणाम नहीं निकला क्योंकि वह छुट्टियों की सूचना के बिना ‘फरार’ हैं.
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बता दें कि सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की पीठ ने सर्वसम्मति वाले अपने एक फैसले में कहा था कि लोक व्यवस्था, पुलिस और भूमि जैसे विषयों को छोड़कर अन्य सेवाओं के संबंध में दिल्ली सरकार के पास विधायी और शासकीय नियंत्रण है. शीर्ष अदालत ने दिल्ली में अधिकारियों के तबादले और तैनाती पर नियंत्रण आप सरकार को दिया था. गौरतलब है कि दिल्ली की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार यह आरोप लगाते हुए शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय पहुंची थी कि केंद्र उसके सेवा विभाग के सचिव के तबादले को लागू नहीं कर रहा है. प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा था कि वह मामले की सुनवाई के लिए एक पीठ का गठन करेंगे.
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