Delhi Excise Policy: जांच के आदेश के बाद झुकी दिल्ली सरकार, वापस लेगी अपनी एक्साइज पॉलिसी

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Jul 29, 2022, 10:25 PM IST

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल

Delhi Excise Policy Update: उप-राज्यपाल की ओर से जांच के आदेश दिए जाने के बाद दिल्ली सरकार अब अपनी एक्साइज पॉलिसी को वापस लेने का मन बना रही है. इस नीति की जगह पर छह महीनों में नई नीति लाई जाएगी.

डीएनए हिंदी: दिल्ली सरकार की नई एक्साइज पॉलिसी (Delhi Excise Policy) पर विवाद होने और सीबीआई जांच के आदेश जारी होने के बाद अब अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) सरकार अपने फैसला वापस ले सकती है. रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली सरकार (Delhi Government) अपनी नई आबकारी नीति को वापस लेगी और पुरानी नीति को लागू करेगी. कहा जा रहा है कि इस पॉलिसी की जगह पर नई पॉलिसी लाई जाएगी. आपको यह भी बता दें कि आज ही दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने उप-राज्यपाल वी के सक्सेना से मुलाकात की थी.

शुक्रवार को उप-राज्यपाल वी के सक्सेना से मुलाकात के बाद अरविंद केजरीवाल ने कहा, 'बैठक बेहद अच्छे माहौल में हुई. दिल्ली के लिए यह महत्वपूर्ण है कि उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री एक साथ मिलकर काम करें. विभिन्न मामलों पर मतभेद हो सकते हैं लेकिन हमारे बीच कोई अनबन नहीं है.' अरविंद केजरीवाल को सिंगापुर जाने की अनुमति न मिलने के बाद कई मौकों पर सीएम और उपराज्यपाल एक-दूसरे के साथ होने वाली बैठकों या अन्य सार्वजनिक कार्यक्रमों में शामिल भी नहीं हुए थे.

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दिल्ली पुलिस की EOW ने भी शुरू कर दी है जांच
इस मामले में उप-राज्यपाल की ओर से आदेश मिलने के बाद सीबीआई ने अपनी जांच शुरू कर दी है. इसी मामले में दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने भी जांच शुरू कर दी है. EOW ने इसके बाद ही दिल्ली के असिस्टेंट एक्साइज कमिश्नर को नोटिस जारी किया है. नोटिस में उन्हें जांच में सहयोग देने के लिए कहा गया है. साथ ही एक्साइज पॉलिसी से जुड़े कुछ सवालों का जवाब मांगा गया है.

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दिल्ली की आबकारी नीति के मामले में सीबीआई जांच का आदेश देने के बाद उपराज्यपाल के दफ्तर ने एक बयान जारी किया था. इस बयान में कहा गया था कि मुख्य सचिव की रिपोर्ट से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (जीएनसीटीडी) अधिनियम 1991, व्यापारिक लेनदेन की नियमावली-1993, दिल्ली आबकारी अधिनियम 2009 और दिल्ली आबकारी नियम 2010 के उल्लंघनों की जानकारी मिली है.

इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि शराब उत्पादन, होल सेलर और बिक्री से जुड़ा काम एक ही व्यक्ति की कंपनियों को दिया गया. आरोप है कि इस तरह से ठेके देना एक्साइज पॉलिसी का उल्लंघन है. आरोप है कि इस मामले में अधिकार न होते हुए भी एक्साइज पॉलिसी में बदलाव किए गए. इसी वजह से दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पर सवाल उठाए गए हैं. 

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