Anganwadi Job: दिल्ली हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ता अपने आंगनवाड़ी के काम के साथ-साथ अन्य नौकरियों में भी कार्य कर सकते हैं. जस्टिस हरिशंकर और सुधीर कुमार जैन की पीठ ने कहा कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के पास दूसरा काम करने का अधिकार है, क्योंकि उनको मिलने वाले वेतन से वे खुद और अपने परिवार का भरण-पोषण करने में सक्षम नहीं हैं.
क्या था मामला
दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड (DSSSB) की याचिका को खारिज करते हुए आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को अन्य नौकरियां करने की अनुमति दे दी है. यह मामला परमिला देवी नामक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता का था, जिनकी DSSSB ने सुपरवाइजर पद पर नियुक्ति को उम्र और प्रमाण पत्रों की खामियों के आधार पर खारिज कर दिया था. दरअसल, यह आदेश उस मामले में दिया गया जिसमें एक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता ने सुपरवाइजर पद के लिए आवेदन किया था. उनके आवेदन पर इस संबंधित संस्था ने आपत्ति दर्ज की थी, जिस समय का प्रमाण पत्र पेश किया गया, उस समय वह आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के रूप में काम कर रही थीं. हालांकि, कार्यकर्ता ने दलील दी कि वह अपने खाली समय में एक एनजीओ में काम कर रही थीं.
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नियमों में लचीलापन हो
कोर्ट ने कहा कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को मिलने वाला वेतन काफी कम है और उनके पास अतिरिक्त आय के लिए अन्य काम करने की अनुमति होना चाहिए. न्यायालय ने यह भी कहा कि आंगनवाड़ी कार्य से जुड़े नियमों में लचीलापन होना चाहिए ताकि वे अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए अन्य आय के स्रोत तलाश सकें. दिल्ली उच्च न्यायालय के इस फैसले से न केवल परमिला देवी को न्याय मिला, बल्कि यह निर्णय देश भर के आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए एक उदाहरण बन सकता है, जो कम वेतन के बावजूद अपने परिवारों की देखभाल करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं.
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