डीएनए हिंदी: टेरर फंडिंग के दोषी अलगाववादी नेता यासीन मलिक की तबीयत पिछले कुछ दिनों से ठीक नहीं है. दिल्ली हाई कोर्ट में मलिक की मां ने इलाज के लिए याचिका दाखिल की थी. तिहाड़ प्रशासन की ओर से कोर्ट में कहा गया कि इलाज की व्यवस्था होने के बाद भी मलिक मेडिकल सुविधाएं लेने से इनकार करता रहा है. हाई कोर्ट ने जेल प्रशासन से इससे संबंधित दस्तावेज और रिकॉर्ड पेश करने के लिए कहा है. दूसरी ओर तिहाड़ प्रशासन को निर्देश दिया है कि उसके इलाज की पूरी व्यवस्था की जाए. अलगाववादी नेता को किडनी और दिल से जुड़ी बीमारियां होने का दावा किया जा रहा है.
यासीन मलिक की ओर से दाखिल याचिका में दावा किया गया था कि उसे सही इलाज नहीं मिल पा रहा है. साथ ही, उसने एम्स जैसे किसी अस्पताल में ट्रीटमेंट की मांग की थी. इस पर केंद्र सरकार और जेल महानिदेशक (तिहाड़ जेल) के वकील ने कहा कि याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में तथ्यों को ठीक तरह से पेश नहीं किया है. उपचार की सुविधाएं मुहैया कराने के बावजूद उसने (यासीन मलिक) इलाज कराने से इनकार कर दिया था.
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तिहाड़ जेल प्रशासन को मेडिकल रिपोर्ट पेश करने का निर्देश
जस्टिस अनूप कुमार मेंदीरत्ता ने केंद्र और जेल महानिदेशक के वकील को निर्देश दिया है कि अगर यासीन मलिक ने इलाज से इनकार किया है, तो उससे संबंधित रिकॉर्ड और प्रमाण पेश किए जाएं. साथ ही, संबंधित जेल अधीक्षक से सुनवाई की अगली तारीख तक मलिक की मेडिकल रिपोर्ट पेश करने का भी निर्देश दिया है. दिल्ली हाई कोर्ट ने मलिक की याचिका पर सुनवाई के लिए अगली तारीख 14 फरवरी की तय की है.
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यासीन मलिक की मां ने दाखिल की है याचिका
याचिका मलिक की ओर से उसकी मां आतिका मलिक ने दायर की है. उन्होंने अपनी अपील में कहा है कि यासीन मलिक को दिल और किडनी की गंभीर बीमारियां हैं. उसका इलाज जम्मू कश्मीर के किसी निजी अस्पताल में हो या फिर एम्स जैसे किसी सुपर मल्टी स्पेशयलिटी अस्पताल में रेफर किया जाए. हाई कोर्ट ने जेल प्रशासन को मेडिकल रिपोर्ट जमा करने का भी निर्देश दिया है. टेरर फंडिंग के मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद से अलगाववादी नेता तिहाड़ जेल में उम्रकैद की सजा काट रहा है.
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