Arvind Kejriwal Bail: अभी जेल से बाहर नहीं आ पाएंगे केजरीवाल, दिल्ली हाईकोर्ट ने जमानत पर लगाई रोक

Written By रईश खान | Updated: Jun 21, 2024, 07:01 PM IST

Delhi CM Arvind Kejriwal (File Photo)

Arvind Kejriwal Bail: दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि जब तक हम मामले की सुनवाई नहीं कर लेते, तब तक निचली अदालत का आदेश प्रभावी नहीं होगा.

शराब नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को बड़ा झटका लगा है. दिल्ली हाईकोर्ट ने केजरीवाल की जमानत और रिहाई पर अतंरिम रोक लगा दी है.  उच्च न्यायालय ने केजरीवाल को नोटिस जारी करके ED की उस याचिका पर जवाब मांगा है. जिसमें निचली अदालत के 20 जून के आदेश को चुनौती दी गई है, जिसके तहत उन्हें जमानत दी गई थी.

जस्टिस सुधीर कुमार जैन की वैकेशन पीठ ने कहा, 'हमारे आदेश के सुनाए जाने तक केजरीवाल की जमानत और रिहाई पर रोक रहेगी. अदालत ने कहा कि वह आदेश 2-3 दिनों के लिए सुरक्षित रख रही है, क्योंकि वह संपूर्ण रिकॉर्ड देखना चाहती है. पीठ ने कहा कि जब तक हाईकोर्ट मामले की सुनवाई नहीं कर लेता, तब तक निचली अदालत का आदेश प्रभावी नहीं होगा.

हाईकोर्ट ने दिन भर बहस चलने के बाद स्टे ऑर्डर पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. इस फैसले का असर ये हुआ है कि अभी केजरीवाल को तिहाड़ जेल में रहना पड़ेगा. कोर्ट अब इस विषय पर विस्तृत सुनवाई करेगी. उसके बाद ही दिल्ली की सीएम की जमानत का रास्ता साफ हो पाएगा.

निचली अदालत ने दी थी जमानत
बता दें कि अरविंद केजरीवाल को दिल्ली राउज एवन्यू कोर्ट ने गुरुवार को एक लाख के मुचकले पर जमानत दी थी.  निचली अदालत ने कहा है कि ईडी केजरीवाल के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अपराध की आय से जुड़े होने का प्रत्यक्ष साक्ष्य देने में विफल रहा है. निचली अदालत के इस फैसले को ईडी ने हाईकोर्ट में चुनौती दी. उच्च न्यायालय ने भी सुनवाई करते हुए AAP नेता की जमानत पर अंतरिम रोक लगा दी.


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केजरीवाल को राहत देने वाले आदेश में विशेष न्यायाधीश न्याय बिंदु ने कहा कि प्रथम दृष्टया उनका दोष अभी तक सिद्ध नहीं हुआ है. न्यायाधीश ने कहा, ‘यह संभव हो सकता है कि याचिकाकर्ता के कुछ परिचित व्यक्ति किसी अपराध में संलिप्त हों, लेकिन ईडी याचिकाकर्ता के खिलाफ अपराध की आय के संबंध में कोई प्रत्यक्ष साक्ष्य देने में विफल रहा है.’ उन्होंने केजरीवाल के इस दावे पर ईडी की चुप्पी पर भी सवाल उठाया कि उन्हें कथित आबकारी नीति घोटाले से संबंधित धनशोधन मामले में सीबीआई की प्राथमिकी या धनशोधन निरोधक एजेंसी द्वारा दर्ज ईसीआईआर में नाम दर्ज किए बिना ही गिरफ्तार किया गया था.

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